इन शादियों में पुलिस ने किया सहयोग, लोन वरार्टू अभियान के तहत हुए थे सरेंडर
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके से अक्सर नक्सली हमले की खबरें आती हैं। लेकिन, रविवार को एक ऐसी खबर आई है। जिसने साबित किया कि नक्सली हिंसा से घिरे रहने वाले बस्तर में भी प्यार की खुशबू फैली हुई है । वैलेंटाइन डे के मौके पर सरेंडर कर चुके 14 नक्सलियों की शादी हुई। इस शादी में पुलिस ने पूरा सहयोग किया। जिले के रढ डॉ अभिषेक पल्लव बाराती बनकर नक्सलियों की शादी में शामिल हुए। एसपी डॉ. पल्लव पारंपरिक तरीके से ढोल बजाते और नाचते हुए लड़की वालों के घर पहुंचे और इस शादी में शामिल हुए। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में एक जोड़ा ऐसा था जिसमें पुरुष और महिला दोनों ही नक्सली थे। नक्सल संगठन में रहते हुए दोनों के बीच प्यार पनपा और अब सरेंडर कर शादी के बंधन में बंधे। जिनकी शादी हुई उनमें शामिल अन्य युवकों ने हाल फिलहाल में सरेंडर किया था। सभी दंतेवाड़ा जिले की रहने वाले हैं लिहाजा किसी की किसी की शादी तय हो चुकी थी तो कोई अपने प्यार को मुकम्मल करना चाहता था। पुलिस के सहयोग से खुशहाल जिंदगी जीने का सपना पूरा हुआ। कारली हैलीपेड के पास बने मंडप में सरेंडर नक्सलियों ने फेरे लिए।
नक्सल हिंसा के बीच पनपा प्यार
रविवार को जिन 14 जोड़ों की शादी हुई। इसमें एक जोड़ा ऐसा था जिसमें दूल्हा और दुल्हन दोनों ही पहले नक्सली थे। कई बार पुलिस पर हमला किया। कभी गांव की उन सड़कों को इन्होंने काटा जहां से फोर्स के लोग आना-जाना करते थे। नफरत और हिंसा के माहौल में दोनों के बीच प्यार पनपा। पूर्व नक्सली जोगी व सोमडू की प्रेम कहानी नक्सलियों के बीच भी मशहूर रही है। सोमडू ने नवम्बर 2020 को सरेंडर किया था, जबकि जोगी ने जनवरी 2021 में। सोमडू व जोगी बताते हैं संगठन में रहते वक़्त एक-दूसरे को जानते थे। प्रेम हुआ। बातचीत होती थी। सरेंडर के बाद प्यार और बढ़ गया। अब शादी के बाद वो सामान्य जिंदगी जीना चाहते हैं जो नक्सलियों के साथ मुमकिन नहीं थी।
प्रेम रतन धन पायो
रतन और जानकी दोनों बचपन से एक दूसरे को प्यार करते थे। एक दिन गांव में नक्सलियों का ग्रुप आया। ग्रामीणों को धमकाया और रतन नाम के लड़के को अपने साथ उठा ले गए। जानकी का प्यार कमजोर नहीं हुआ। वो रतन का इंतजार करती रही। एक दिन गांव में खुशखबरी बनकर रतन के सरेंडर की खबर आई और अब जानकी रतन की हो चुकी है। इन जोड़ों को देखकर ग्रामीणों ने मजाक में कहा प्रेम रतन धन पायो। मुस्केल गांव का रहने वाला रतन ने बताया कि अब वो अपने बचपन के प्यार जानकी के साथ परिणय सूत्र में बंध चुका है। रतन ने हथियार के साथ सरेंडर किया था। वह बताता है कि जानकी से बहुत प्यार करता है। बचपन से ही जब प्यार की शुरूआत हुई तो शादी की ठान रखी थी। इस बीच वह नक्सल संगठन में चला गया। अब जब सरेंडर किया तो दोनों ने घर बसाने की ठानी जिस सपने को पुलिस के सहयोग से पूरा करने का मौका मिला ।
डिजिटल प्यार वाला नक्सली भी
नक्सलियों को शादी करने या बच्चे पैदा करने की अनुमति नक्सली नहीं देते। नफरत और हिंसा की उस दुनिया में प्यार की कोई जगह नहीं। कब पुलिस की गोली मौत बनकर आ जाए कोई नहीं जानता। उस जिंदगी को छोड़कर गुड्डू ने आम जिंदगी बिताने की सोची और सरेंडर कर दिया। उसने बताया कि सरेंडर के बाद समेली गांव की भूमे के संपर्क में आया। फोन पर बात शुरू हुई। दोनों ने तस्वीरें साझा की। दोनों ने प्यार का इजहार किया। भूमे को मिलने बुलाया और शादी की इच्छा जताई। भूमे ने हामी भर दी। मगर खतरा अब भी टला नहीं है। गुड्डू को नक्सली अपना दुश्मन मानते हैं। इसलिए वो अपने गांव नहीं लौटना चाहता। फिलहाल दंतेवाड़ा में ही रहकर जिंदगी बसर करना चाहता है। हिंसा के जोखिम से वो खुद को और अपने परिवार को दूर रखना चाहता है।