मध्य प्रदेश कांग्रेस ने महात्मा गांधी की हत्या के दोषी नाथूराम गोडसे के समर्थक और हिंदू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया को पार्टी में शामिल कर लिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ की मौजूदगी में उनके भोपाल स्थित आवास पर पूर्व पार्षद चौरसिया को कांग्रेस में प्रवेश कराया गया। उन्हें ग्वालियर से कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। हालांकि
चौरसिया पहले भी कांग्रेस में ही थे, किंतु नगर निगम चुनाव में टिकट नहीं मिलने के चलते हिंदू महासभा के सहयोग से निर्दलीय चुनाव लड़े थे।
वर्ष 2017 में वह तब चर्चा में आए, जब नाथूराम गोडसे की मूर्ति स्थापना के पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए थे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद चौरसिया ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि जिस मूर्ति को उन्होंने पूजा, वह महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की थी। इस बीच चौरसिया के कांग्रेस में वापसी पर पार्टी के अंदर ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने ट्वीट किया कि ‘बापू हम शर्मिंदा हैं। महात्मा गांधी अमर रहें।”
इस तंज कसते हुए भाजपा नेता व मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ‘गोडसे के पुजारी, अब कांग्रेस की सवारी। इससे कांग्रेस का दोहरा चरित्र समझ में आता है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए गांधी के नाम पर इंदिरा, राजीव और राहुल गांधी ही हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तो इनके लिए सिर्फ वोट तक सीमित हैं। डा. भीमराव आंबेडकर और सरदार वल्लभ भाई पटेल भी वोटों तक ही हैं। आज तक नेहरू-गांधी परिवार का कोई भी सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर नहीं गया है।” उधर, हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. जयवीर भारद्वाज ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ को पत्र लिखकर कहा है कि महासभा के पार्षद चौरसिया घर-घर जाकर नाथूराम गोडसे की विचारधारा का प्रचार करते रहे हैं। अब चौरसिया को शामिल करके कांग्रेस ने नाथूराम गोडसे की विचारधारा स्वीकार कर ली है। यह हिंदू महासभा की जीत है।