Ekhabri (धर्मदर्शन)। आज वैशाख पूर्णिमा को विशेष तौर पर बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है ।वैशाख पूर्णिमा के दिन बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे उन्हें बुद्धत्व ज्ञान की प्राप्ति हुई। भगवान बुद्ध ने अहिंसा और सत्य का मार्ग अपनाया और उन्होंने पूरी दुनिया को शांति का पाठ पढ़ाया। भगवान बुद्ध ने अपने जीवन में कई उपदेश दिए और इन्हीं उपदेशों को बौद्ध धर्मा के अनुयायी आदर्श वाक्य मानकर उन पर अमल करते हैं। आप भी जानिए भगवान बुद्ध के कुछ विचारों के बारे में। जिन्हें अपने जीवन में धारण करके हर कष्ट से छुटकारा पा सकते हैं।
बौद्ध धर्म में इस दिन का बहुत महत्व है । हिंदू धर्म का भी मानना है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था और इसी दिन उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था। यही कारण है कि हिंदू धर्म में वैशाख पूर्णिमा का बड़ा महत्व है। बुद्ध पूर्णिमा को प्रकाश उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन अन्न दान का विशेष महत्व है।
भगवान बुद्ध के 15 उपदेश जो जीवन के अंधकार रूपी रास्ते को पूर्णिमा की दुधिया प्रकाश से प्रकाशित करेगा:
1- भगवान बुद्ध कहा था, संतोष ही सबसे बड़ा धन है, वफादारी सबसे बड़ा संबंध है जबकि स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है। इन तीनों की रक्षा करनी चाहिए।
2- महात्मा बुद्ध का मानना था कि घृणा,द्वेष, क्रोध, को कम करने के लिए अपने अन्दर प्रेम रूपी वृक्ष को सींचना पढता है।
3- जो अपने क्रोध पर काबू नहीं पा सकता है,वह क्रोध के लिए कोई सजा नहीं पाता, जबकि क्रोध के द्वारा सजा भुगतता है।
4- दिनभर कई बेकार शब्दों को बोलने से अच्छा है कि एक सिर्फ एक शब्द बोले जिससे चारों तरफ शांति छा जाए।
5- समय की कद्र करना सीखो,और समय के साथ समझौता करो समय आपका जीवन बदल देगा।
6- मन पर काबू करना सीख लो क्योंकि जितने भी गलत कार्य मन से ही आते हैं। अगर आपने मन को बदल दिया तो कभी भी गलत कार्य नहीं आ सकते।
7- यह संसार मिथ्याओं से बरा हुआ है, और इसे पार करने की शक्ति केवल ईश्वर भक्ति मे ही है, इसीलिए कार्य के साथ भक्ति करना भी अनिवार्य है।
8- जो गया उसे भूल जाओ यानी (भूत), जो आयेगा उसके बारे में सोचो यानी (भविष्य), सिर्फ वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए, जिससे तीनो काल सुधर जाएंगे ।
9- वास्तविक सुख का अभिप्राय यह नही कि सांसारिक उपयोगों मे लगे रहो, यही तो दुख और पाप का कारण है, सुख तो प्रेम , सद्भाव और भक्ति मे है।
10- प्रेम ही दुख का कारण है,जितना अधिक मोह ,माया ,बंधन, प्यार मनुष्य करता है, वह उतने ही अधिक दुखों से घिरा रहता है। और जो इन सभी से बहुत दूर रहता है,उसे कोई दुख नहीं है।
10- शान्ति और सुख पाना है तो प्रकृति-प्रेम की ओर लौट जाओं , क्योंकि यही वह सबसे बडा गुरू है,जो जीवन की राह सिखा देता है।
11- क्रोध खुद को जलाती है न कि दूसरे को। जैसे किसी और पर फेंकने के इरादे से एक गर्म कोयला अपने हाथ में रखने की तरह है।
12- महात्मा बुद्ध कहते हैं कि 3 चीजें ज्यादा देर तक नही छुपी रह सकती है, चंद्रमा, सूर्य और सत्य। चाहें दुनियां तबाह हो जाए लेकिन ये तीनों चीजें हमेशा स्थिर ही रहेंगी।
13- जब प्रकृति और ब्राह्मण्ड अपना स्वरूप, गुण नही बदल सकते ,तो फिर मानव क्यों गिरगिट की तरह रंग बदलता रहता है,यही तो दुख का कारण है।
14- हजारों खोखले शब्दों से अच्छा वह एक शब्द है जो मन को शांति दे। चाहें हम लाख ही झूठ क्यों न बोल लें जब तक हमारे दिल को सुकून और शांति न मिले फिर फायदा क्या।
15- अतीत के बारे में ध्यान मत दो और ना ही भविष्य के बारे में सोचो बल्कि अपने वर्तमान को सही रखने की कोशिश करो। वर्तमान सही है तो भविष्य अपने आप सही हो जाएगा।