रायपुर। नया रायपुर स्थित बालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी) ने छत्तीसगढ़ में पहली बार एलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) का सफलतापूर्वक संचालन किया है। अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण एक चिकित्सा प्रक्रिया है, जो रोगी की अस्वस्थ रक्त बनाने वाली कोशिकाओं को स्वस्थ कोशिकाओं से बदल देती है। प्रतिस्थापन कोशिकाएं रोगी के स्वयं के शरीर (आॅटोलॉगस) या एचएलए-मिलान दाता (एलोजेनिक) से आ सकती हैं, जो परिवार का सदस्य या असंबंधित दाता हो सकता है। बीएमटी का उपयोग कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है, जो अस्थि मज्जा को प्रभावित करता है, जैसे ल्यूकेमिया, मायलोमा, और लिम्फोमा, साथ ही साथ अन्य रक्त और प्रतिरक्षा प्रणाली की बीमारियां जैसे कि अप्लास्टिक एनीमिया, थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया।
ऐस किया गया उपचार
कंसल्टेंट हेमेटोलॉजी और बीएमटी फिजिशियन डॉ. दिब्येंदु दे ने बताया, इस 29 वर्षीय व्यक्ति को ब्लड कैंसर था, जो 8 महीने की कीमोथेरेपी के बाद वापस आ गया। अपने पूरी तरह से मेल खाने वाले 27 वर्षीय भाई के साथ एक एलोजेनिक प्रत्यारोपण रोगी के लिए एकमात्र आशा थी, उनको प्रत्यारोपण से ठीक 1 सप्ताह पहले गंभीर सेप्सिस हो गया था, जिससे हमारी कठिनाई बढ़ गई थी। लेकिन हमारी टीम आगे बढ़ी और एलोजेनिक ट्रांसप्लांट को सफलतापूर्वक पूरा किया। रोगी को एक विशेष बीएमटी यूनिट में पृथक, हेपा-फिल्टर लगाए गए कमरे में रखा गया था और 29 वें दिन प्लेटलेट और न्यूट्रोफिल एनग्राफ्टमेंट के बाद छुट्टी दे दी गई थी। हम गर्व से कह सकते हैं कि हमारी बीएमटी यूनिट देश की अन्य प्रमुख बीएमटी सुविधाओं के बराबर है और हम भविष्य में ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं।
इन सुविधाओं को बीएमसी से हाल में ही जोड़ा गया
कंसल्टेंट ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, डॉ नीलेश जैन ने कहा, हमारे जैसा एक अच्छी तरह से सुसज्जित ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग, बीएमटी को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बोन मैरो हार्वेस्टिंग से लेकर, चयन टी-सेल/रेड सेल/प्लाज्मा रिक्तीकरण के लिए उपयुक्त रक्त घटक, ल्यूकोडप्लीशन, विकिरण और अस्थि मज्जा हेरफेर के लिए क्रायोप्रेजर्वेशन आवश्यक सहायता सेवाओं के साथ एक अत्याधुनिक बीएमटी सुविधा को हाल ही में बीएमसी में जोड़ा गया है, जिसमें कुछ मरीजों का बीएमटी किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में बालको मेडिकल सेंटर एकमात्र केंद्र है, जहां उच्चस्तरीय स्टेम सेल क्रायोप्रेजर्वेशन सुविधा और फ्लोसाइटोमेट्री सुविधा उपलब्ध है, जो रक्त कैंसर के रोगियों के तेजी से निदान और उपचार में मदद करती है। साथ ही बताया कि इसकी जांच के लिए दोनों पद्धति में अलग अलग खर्च है। पहले पद्धति में लगभग छह लाख के करीब खर्च होता है। और दूसरे में 15 लाख लगभग लग सकता है।
यह है बीएमसी का उद्देश्य
बालको मेडिकल सेंटर, वेदांत मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन की पहली प्रमुख पहल नया रायपुर, छत्तीसगढ़ में स्थापित की गई है, जो 50+ विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ 170-बेड, अत्याधुनिक तृतीयक देखभाल आॅन्कोलॉजी सुविधा है। बीएमसी का उद्देश्य अल्ट्रा-मॉडर्न, मल्टी-मोडैलिटी डायग्नोस्टिक और चिकित्सीय सुविधाओं को उचित और सस्ती कीमत पर भारत की आबादी की आसान पहुंच के भीतर लाना है। वर्तमान में, यह चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, विकिरण, हेमटोलॉजिकल और उपशामक देखभाल सहित भारत के आॅन्कोलॉजी क्षेत्र में एक राष्ट्रीय नेता के रूप में तेजी से उभर रहा है।
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