कभी-कभी बरबस ही कुछ सवाल मन में उठने लगता है कि ‘ये सारे दुःख दर्द मेरे हिस्से में ही क्यों है? भगवान मेरे ऐसे कौन से कर्म की सजा दे रहें हैं? एक दर्द खत्म नहीं होता दूसरा दर्द सामने आ जाता है? कब मुझे सारी तकलीफों से मुक्ति मिलेगी?’ और भी न जाने क्या क्या।
इन सभी सवालों और परिस्थितियों का सामना केवल धैर्य के साथ किया जा सकता है। जिस प्रकार बंजर भूमि भी बाढ़ के बाद उपजाऊ बन जाती है, वैसे ही तमाम मुश्किलें धैर्य के साथ फीकी पड़ने लगती हैं। इसलिये धैर्य बनाये रखें और मुश्किलों का सामना डटकर करें।