रायपुर, पूनम ऋतु सेन।विगत बुधवार प्रधानमंत्री आवास योजना की दूसरी किश्त न मिल पाने और कर्ज की रकम ना चुका पाने के कारण एक व्यक्ति ने जंगल में जाकर फांसी लगा ली। यह घटना गुरुर विकासखंड के ग्राम पंचायत कोचवाही के आश्रित ग्राम अमलीपारा की है।
आदिवासी युवक शीत कुमार नेताम ने आर्थिक तंगी से बेहाल होकर फांसी लगा ली, जानकारी के मुताबिक मृत युवक ने प्रधानमंत्री आवास योजना की दूसरी किश्त न मिलने के कारण आत्महत्या की। यह प्रदेश का ऐसा पहला मामला है। मृतक ने घर बनवाने के लिए अपने खेत को बेच दिया और ग्रामीण बैंक से अपने माँ के नाम पर कर्ज भी लिया था। कर्ज को न चुका पाने और आर्थिक मानसिक दबाव को न झेल पाने के कारण अंततः उसे यह कदम उठाना पड़ा।
इस मामले के सामने आने पर प्रशासनिक व सरकारी सिस्टम के ऊपर सवाल खड़ा हो गया है। मृतक के चाचा के अनुसार उनका मृत भतीजा कई बार योजना की राशि लेने गुरुर जनपद गए, लेकिन बार बार वहां यही कहकर लौटा दिया जाता कि जब किश्त का पैसा आएगा तभी हितग्राहियों को पैसे दिए जाएंगे।
वहीं मृतक की मां ने बताया कि उनके पति रामकुमार के नाम पर इस योजना के अंतर्गत घर का निर्माण कराया जा रहा था और पहली किश्त मिल भी गयी थी, उसके बाद उनके पति की मृत्यु हो गयी और किसी तरह उनका नाम नॉमिनी में नहीं लिखा पाया था, चूंकि घर बनना शुरू हो चुका था और काम रोक नही सकते थे, तब उनके बेटे शीत कुमार ने खेत बेच कर कार्य कराना जारी रखा और लोगों से उधार भी लिया। लेकिन उधार के पैसे चुकाने जरूरी थे तब ग्रामीण बैंक से 50 हज़ार का उधार लिया फिर भी पैसे कम ही हुए।
इसी चिंता में युवक ठीक तरह से खाना भी नहीं खा पाता था और इसी बात को लेकर परेशान भी रहता था।
2019 में घर निर्माण के लिये अपना पुराना मकान तुड़ा कर 3 साल से उनका परिवार गाँव मे ही दूसरे के घर मे रह रहे थे क्योंकि उनका घर योजना के अंतर्गत निर्माणाधीन था।
इसी बीच पता चला कि जब घर बनाने के लिए कुछ देरी हुई तब जनपद अधिकारियों ने नोटिस के ऊपर नोटिस भेजना शुरू कर दिया, फिर योजना की पहली किश्त आयी और घर बनाना शुरू किया गया तब जाकर नोटिस आना बंद हुआ। मामले की गंभीरता को देखते हुए बालोद जिला कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं।