लॉकडाउन में बनाया कोरोना पर गाना
धोती-कुर्ता पहने माथे में टीका लगाए संस्कृत के श्लोकों का कंठस्थ उच्चारण करते 16 साल के युवक को देख आप यही अनुमान लगाएंगे की यह संस्कृत के ज्ञाता या फिर पंड़ित हैं। आपका अनुमान सच भी है, लेकिन पुरानी बस्ती निवासी अमन शुक्ला को शास्त्रों के ज्ञान के साथ-साथ मां सरस्वती का भी वरदान भी प्राप्त है। बचपन से ही मां महामाया देवी की अराधना करने वाला यह युवक खुद ही गानों को कंपोज करता है खुद ही लिरिक्स बनाता है और अपनी आवाज के जरिए लोगों तक पहुंचाता भी है। खास बात ये है कि इस गायक ने लॉकडाउन-1 में कोरोना के ऊपर भी गाना बना डाला, जिसे जल्द ही लोगों तक पहुंचाया जाएगा।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी अमन लिरिक्स लिखने, गाने के अलावा तबला, ढोलक और की-पेड भी बजा लेते हैं। अमन ने 2018 में राजधानी की महामाया देवी के लिए बनने वाले पहले गीत, `रायपुर के महामाया दाई..’ को अपनी आवाज दी थी, जिसे उनके गुरु विवेक शर्मा ने बनाया था।
अमन ने ekhabri.com से बात करते हुए बताया कि रतनपुर की महामाया देवी पर कई गाने और वीडियो बने हैं पर रायपुर की महामाया देवी पर उनके गुरु जी ने पहला गाना बनाया था। भक्ति गीतों के अलावा अमन फिल्मी गानों को रिमेक कर अपने अंदाज में गाने का शौक रखते हैं। हाल ही में लोगों में हिट हो चुके बॉलीवुड गाना, ‘एक तू ही यार मेरा तुझको क्या दुनिया से लेना… ‘ के जवाब के तौर पर अमन ने `इक मैं ही यार तेरा… , गाने की लिरिक्स तैयार की है, जिसे यूट्यूब में लोगों ने काफी सराहा है।
अमन की माने तो वे औरों से कुछ अलग करना चाहते हैं यही कारण है कि गानों को अपने अंदाज में नया बनाने की कोशिश करते हैं। खास बात है कि अमन के अब तक के सारे वीडियो एलबम उनके छोटे भाई अमित तैयार किये हैं। गाना तैयार होने के बाद उसकी एडिटिंग भी अमित ही करते हैं।
पिता से सीखा बहुत कुछ
अमन के पिता राजधानी के प्रसिद्ध महामाया मंदिर में सहायक पुजारी हैं। बचपने से ही अमन ने भी देवी की अराधना, पूजा विधी और संस्कृत का ज्ञान अपने पिता व गुरुजनों से लिया है। वे रोज महामाया मंदिर परिसर में स्थित मां समलेश्वरी मंदिर में पिता के साथ देवी की पूजा करते हैं। महामाया मंदिर में पूजन कार्यों में साथ देने वाले अमन सबसे कम उम्र के हैं, जिन्होंने 10 साल की उम्र से ही मंदिर में नियमित रूप से पूजा कर पिता का साथ देते आ रहे हैं। हिन्दी, छत्तीसगढ़ी के अलावा अमन को संस्कृत का भी अच्छा ज्ञान है। अमन ने संस्कृत के कई श्लोकों को भी अपनी आवाज में धुन के साथ रिकार्ड किया है। इतना ही नहीं वे आगे चलकर संस्कृत में गाना भी लिखने वाले हैं, जिसे अपनी आवाज भी देंगे।
अमन को बचपन से ही वाद्य बजाने में रुचि रही है। कुछ न मिलने पर ये घर के पलंग और बक्से से ही अपनी कला का प्रदर्शन करने लगते थे। जिसे देख कर परिवार वालों ने इन्हें संगीत की शिक्षा देने का निर्णय लिया और गाने का सिलसिला शुरु हुआ। अमन ने देवी गीत के अलावा फिल्मी गीतों के भी पार्टी शोज किए हैं।