चीन बॉर्डर तक जाने वाला जो बैली ब्रिज 6 दिन पहले टूट गया था उसे भारतीय सेना ने बना दिया है। 6 दिन में इतने दुर्गम स्थल पर इस पुल को बनाना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। यह ब्रिज तब टूट गया था जब सड़क कटिंग के लिए बड़े ट्रक पर पोकलैंड मशीन ले जाई जा रही थी। सीमा सड़क संगठन (BRO) ने कड़ी मेहनत से सिर्फ 6 दिन में ही नया ब्रिज तैयार कर लिया है। इसे बनाने में बीआरओ को कई विषम भौगोलिक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, मगर BRO ने रात-दिन काम किया और महज 6 दिन के रेकॉर्ड टाइम में ब्रिज बनाकर तैयार कर दिया। इस ब्रिज के बन जाने से सेना को यहां से सामान लाने-ले जाने में काफी राहत मिलेगी।
साथ ही सैन्य जरूरत का सामान भी आसानी से मिलम तक जा सकेगा। बीआरओ ने 120 फीट लम्बे बैली ब्रिज को बनाने के लिए 70 मजदूरों के साथ एक पोकलैंड मशीन का इस्तेमाल किया। पुल जोडऩे का काम 24 घण्टे जारी रहा। बीआरओ के ओसी पीके राय चार दिन से पुल पर ही डेरा डाले हुए थे। उन्होंने खुद खड़े होकर पुल का निर्माण कराया। स्थानीय लोगो ने तय दिनों से आधे समय में पुल निर्माण करने पर ओसी का फूलमालाओं से स्वागत किया और बीआरओ जिंदाबाद के नारे लगाए। बता दें कि 22 जून को पोकलैंड से लदे ट्राले की वजह से सेनर नदी का पुल टूट गया था।