देश के शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन मंदी का रुख रहा। सेंसेक्स 427 अंकों की गिरावट के साथ 59,037 अंक पर और निफ्टी 140 अंकों की गिरावट के साथ 17,615 के स्तर पर बंद हुआ। पिछले चार कारोबारी दिनों में मुंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 2,271 अंकों की गिरावट देख चुका है। पिछले एक महीने के दौरान किसी एक कारोबारी हफ्ते में यह बाजार की बड़ी गिरावट है।
जानकार इस गिरावट के लिए यूक्रेन को लेकर अमेरिका व रूस के बीच गहराते विवाद, क्रूड की कीमत के सात वर्षों के उच्च स्तर पर पहुंचने और दुनियाभर में महंगाई को लेकर बढ़ती बेचैनी है। यही वजह है कि भारतीय शेयर बाजार ही नहीं बल्कि लगभग सारे एशियाई, यूरोपीय व अमेरिकी बाजार में मंदी का माहौल है।
शुक्रवार की गिरावट का माहौल यह रहा है कि बजाज फिनसर्व, टेक महिद्रा, टाटा स्टील, इंड्सइंड बैंक, भारती एयरटेल जैसे तमाम दिग्गज कंपनियों के श्ोयरों में भारी गिरावट का रुख रहा है। अगर हिदुस्तान यूनीलिवर, मारुति, नेस्ले और टीसीएस समेत कुछ अन्य शेयरों में बढ़त का रुख नहीं रहता, तो प्रमुख सूचकांकों में और बड़ी गिरावट होती। कई दिग्गज कंपनियों के शेयरों ने पिछले कुछ हफ्तों में जितनी तेजी दर्ज की थी उसे बीते चार दिनों की गिरावट ने पानी फेर दिया है।
विशेषज्ञों ने कहा है कि आम बजट पेश होने तक शेयर बाजार में इसी तरह की अस्थिरता रह सकती है और निवेशकों को बड़े निवेश् फैसले अभी नहीं करने चाहिए। कई विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि भारतीय शेयर बाजार की दिशा अब बहुत कुछ आगामी बजट से ही तय होगी। हो सकता है कि बजट से पहले तेजी का एक दौर भी देखा जाए।