
जगदलपुर। सुकमा में सीआरपीएफ 223 बीएन के 11 वें स्थापना दिवस के दौरान एक दृश्य ने सभी की आंखें नम कर दीं। एक बुजुर्ग मां यहां लगे पोस्टर में अपने शहीद बेटे पीएल मांझी की तस्वीर देखकर फफक उठी। मां, अपने बेटे की तस्वीर के सिर और चेहरे पर हाथ फेरती देर तक वहीं बैठी रही। उसका जवान बेटा 2014 में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुआ था। इनकी याद में एक स्मारक बनाया गया और शहीदों के परिजनों को सम्मान के लिए यहां बुलाया गया था। दरअसल, साल 2014 में सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित कसालपाडा में सीआरपीएफ जवानों की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में जवानों ने नक्सलियों का डट कर सामना किया था। कई घंटों तक चली मुठभेड़ में जवानों ने नक्सलियों की गोलियों का मुंहतोड़ जवाब दिया था। हालांकि, इस मुठभेड़ में देश की सुरक्षा करते सीआरपीएफ के 2 अफसर समेत कुल 14 जवान शहीद हुए थे। जिसमें बुजुर्ग महिला का बेटा पीएल मांझी भी शामिल था। सीआरपीएफ 223 बीएन के कमांडेंट रघुवंश कुमार ने कहा कि, सुकमा जिले के दोरनापाल में स्थित सीआरपीएफ 223 बटालियन कैंप में 11वां स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में इसी बटालियन के कुल 14 जवान शहीद हुए थे। जिनकी याद में अप्रैल 2022 में कैंप के अंदर ही शहीद स्मारक बनाया गया है। स्थापना दिवस के मौके पर शहीदों को याद किया गया, जिन्हें श्रद्धांजलि दी गई। वहीं शहीदों के परिवार के सदस्यों को भी कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। सभी परिवार को 1-1 लाख रुपए की आर्थिक मदद की गई।