रायपुर। छत्तीसगढ़ में ट्रेनों का संचालन बंद होने से आए संकट पर माहौल गर्म होता जा रहा है। भाजपा के अलावा दूसरे राजनीतिक दलों ने इस बंदी का विरोध शुरू किया है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सभी सांसदों-विधायकों को लेकर दिल्ली चलें। अगर समाधान नहीं हुआ तो छत्तीसगढ़ से कोयले की आपूर्ति रोक दें। उन्होंने ट्रेनें नहीं तो कोयला नहीं का फामूर्ला अपनाने कहा। इधर कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने सभी सांसदों को इस मुद्दे पर पत्र लिखा है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने गुरुवार को दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कुमार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ट्रेन बंद होने पर लोगों में फैल रही नाराजगी की जानकारी दी। जोगी ने रेल महाप्रबंधक को रेल मंत्री को संबोधित एक ज्ञापन भी सौंपा। इसमें छत्तीसगढ़ की सभी बंद रेलगाड़ियों को चालू करने की मांग की गई है। बाद में अमित जोगी ने कहा, देश को कोयला दे छत्तीसगढ़, बिजली दे छत्तीसगढ़ और बदले में छत्तीसगढ़वासियों का ही जीवन काला हो रहा है। यह सरासर अन्याय और शोषण है। रेल रद्द होने से छत्तीसगढ़ की पूरी आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था चौपट हो गयी है। इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारें दोनों फेल हैं। इसका खामियाजा छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ लोग भुगत रहे हैं। अमित जोगी ने कहा, मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से निवेदन करता हूं कि वो सर्वदलीय बैठक तत्काल बुलाएं। सभी विधायकों और सांसदों को लेकर दिल्ली कूच करें। अगर फिर भी समाधान नहीं निकला तो छत्तीसगढ़ से कोयले की आपूर्ति रोक दें। केंद्र सरकार की ध्यान आकर्षित करने का यही एक आखरी रास्ता बचा है।
कांग्रेस विधायक का भाजपा सांसदों से आग्रह-प्रधानमंत्री से बात करें
इधर संसदीय सचिव और विधायक विकास उपाध्याय ने भाजपा से लोक सभा के 9 और राज्यसभा की एक सांसद को पत्र भेजा है। विकास ने बताया कि उन्होंने सुनील सोनी, विजय बघेल, चुन्नी लाल साहू, गुहाराम अजगले, अरुण साव, मोहन मण्डावी, गोमती साय, श्रीम सिंह और सरोज पाण्डेय को पत्र भेजा है। उनसे यह मांग की गई है कि वे लोग संसद में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हैं, अत: प्रधानमंत्री और रेल मंत्री से चर्चा कर बन्द ट्रेनों को फिर से शुरू करवाएं।
छत्तीसगढ़ की ही 66 से अधिक ट्रेनें प्रभावित
इस समय छत्तीसगढ़ की 66 से अधिक ट्रेनें विभिन्न वजहों से बंद हैं अथवा उनका रास्ता बदल दिया गया है। 36 ट्रेनों को कोयला संकट की वजह से बंद किया गया था। उनमें से पांच पटरी पर लौटी हैं। ये ट्रेनें दो महीनों से बंद हैं। उसके बाद स्टेशनों पर काम के नाम पर कई ट्रेनों को बंद कर दिया गया है। कुछ ट्रेनों का रास्ता बदला गया है।