प्रोडक्शन लिक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) योजना के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में मेक इन इंडिया स्मार्टफोन की थोक बिक्री में 16 प्रतिशत की वृद्धि रही है। काउंटरपाइंट रिसर्च के रिपोर्ट के अनुसार, जून तिमाही में मेक इन इंडिया के तहत 4.4 करोड़ स्मार्टफोन की थोक बिक्री हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएलआइ योजना का सकारात्मक असर दिख रहा है। स्मार्टवाच, नेकबैंड और टेबलेट जैसे उत्पादों में घरेलू मैन्यूफैक्चरिग की हिस्सेदारी बढ़ रही है। मेक इन इंडिया स्मार्टफोन में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ ओप्पो पहले स्थान पर है। इसके बाद सैमसंग और वीवो का स्थान है। मेक इन इंडिया फीचर फोन में 21 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ लावा पहले स्थान पर है। स्मार्टफोन निर्माता कंपनी ओप्पो ने हाल ही में घोषणा की थी कि स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने के लिए अगले पांच वर्षों में छह करोड़ डालर की राशि निवेश की जाएगी।
काउंटरपाइंट के वरिष्ठ रिसर्च विश्लेषक प्राचीर सिह का कहना है कि सैमसंग ने भी प्रीमियम सेगमेंट स्मार्टफोन के साथ उत्पादन बढ़ाया है। मेक इन इंडिया के तहत कुल 66 प्रतिशत स्मार्टफोन की मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों ने खुद की है, जबकि शेष 34 प्रतिशत स्मार्टफोन का उत्पादन थर्ड पार्टी मैन्यूफैक्चरर्स से कराया गया है। पिछली तिमाही में भारत एफआइएच, डिक्शन और डीबीजी बड़े थर्ड पार्टी मैन्यूफैक्चरर रहे हैं। मेड इन इंडिया स्मार्टवाच की थोक बिक्री में आप्टिमस 75 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पहले स्थान पर रही है।