छत्तीसगढ़ शराब घोटाले को सामने आए लगभग डेढ़ साल से ज्यादा हो गए है। पहले ईडी ने छापामार कार्रवाई की और अब एसीबी और ईओडब्ल्यू एक्शन में है। कई लोग इस घोटाले में गिरफ्तार किए गए। वहीं कुछ को लेकर कार्रवाई करने की तैयारी जारी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार ऐसे 19 अधिकारी आबकारी विभाग में पदस्थ हैं, जिनका नाम घोटाले से जुड़ा है।
ईडी की छापामार कार्रवाई के साथ ही छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले का खुलासा हुआ और आरोप लगे कि पिछली भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला हुआ है। तब विभाग और तत्कालीन सरकार में हड़कंप मच गया। ईडी का दावा है कि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य के खजाने को 2 हजार 161 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसको लेकर ईसीआईआर 11 अप्रैल को दर्ज की गई। कानूनी दांव पेंच में फंसी ईसीआईआर के बीच छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन हुआ और इस जनवरी में छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ईओडब्ल्यू-एसीबी) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर दर्ज की गई है।
मामला दर्ज होने के बाद परत दर परत जांच होती गई और कई अधिकारियों के नाम भी सामने आते गए। शराब घोटाले के सिंडिकेट में नाम आने के बाद 19 अधिकारी अभी भी प्रमुख पदों पर बने हुए हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो की जनवरी 2024 में की गई एफआईआर में इनके नाम हैं। इसी के साथ ईओडब्ल्यू की ओर से विशेष कोर्ट में पेश किए 10 हजार पन्नों के आरोपपत्र में इन्हीं अधिकारियों के उपरोक्त घोटाले में संलिप्तता के आरोप लगाए गए हैं। इनमें से एक अधिकारी की पिछले माह मृत्यु हो चुकी है, बाकी के 19 अधिकारी अभी भी आबकारी विभाग के विभिन्न पदों पर बने हुए हैं। इनमें राज्य स्तरीय उड़नदस्ता, संभाग स्तरीय उड़नदस्ता, जिला आबकारी अधिकारी और उपायुक्त के पद शामिल हैं। घोटाले में की गई एफआईआर, जांच में नाम आने के बावजूद अब तक इन अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।