नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फे्रंस के जरिए गुजरात के राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखी। संस्थान को 201 एकड़ से अधिक जगह आवंटित की गई है और यह लगभग 1,195 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। संस्थान का निर्माण 2022 के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है। अस्पताल में 750 बिस्तर होंगे जिनमें से 30 बिस्तर आयुष ब्लॉक में होंगे। इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद हैं।
जनऔषधि केंद्र बीमारी के दौरान गरीब लोगों के दोस्त हैं
बड़े अस्पतालों पर दबाव से आप भी परिचित हैं। स्थिति ये थी कि आजादी के इतने दशकों के बाद भी सिर्फ 6 एम्स बन पाए थे। 2003 में अटल जी की सरकार ने 6 और एम्स बनाने के लिए कदम उठाए थे। उनके बनते-बनते 2012 आ गया। यानी 9 साल लग गए।
जनऔषधि केंद्र बीमारी के दौरान गरीब लोगों के दोस्त भी हैं। पूरे देश में इस तरह के 7,000 से अधिक केंद्र लोगों को 90त्न सस्ती दवाएं प्रदान करते हैं। 3.5 लाख से अधिक गरीब मरीज दैनिक आधार पर इन केंद्रों का उपयोग करते हैं। आयुष्मान भारत योजना से गरीबों के लगभग 30 हजार करोड़ रुपये ज्यादा बचे हैं। आप सोचिए, इस योजना ने गरीबों को कितनी बड़ी आर्थिक चिंता से मुक्त किया है। अनेकों गंभीर बीमारियों का इलाज गरीबों ने अच्छे अस्पतालों में मुफ्त कराया है।