
सरगुजा जिले के ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थल देख-रेख और संरक्षण के अभाव में बदहाल होता जा रहा है। वहीं ऐतिहासिक महत्व की प्राचीन प्रतिमाओं की योजनाबद्ध तरीके से चोरी का सिलसिला जारी है।
उदयपुर विकासखंड मुख्यालय से लगभग 10 किमी दूर केदमा मार्ग पर स्थित सुगन हारीन मंदिर, महेशपुर देवगढ़ स्थित सतमहला मंदिर के आसपास के इलाके में प्राचीन प्रतिमाएं न सिर्फ हमारी संस्कृति बल्कि संपन्नता का भी प्रतीक है। यह प्रतिमाए किस सदी की है यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। इन ऐतिहासिक महत्व की प्रतिमाओं को सहेजने और सुरक्षा के प्रति वर्षों से अनदेखी होती आ रही है।
बताया जा रहा है कि आज से करीब 18 से 20 वर्ष पूर्व उदयपुर के समीप पुरातत्व विभाग के द्वारा इन प्रतिमाओं को संग्रहित और सुरक्षित करने के उद्देश्य से कार्यालय का निर्माण किया गया था, मगर आज तक यह कार्यालय शुरू नहीं हो पाया। जिसकी वजह से मुख्य मार्ग के किनारे प्रतिमाएं असुरक्षित रूप से पड़ी हुई है। पत्थर में उकेरी गई प्रतिमाएं क्षेत्रवासियों के लिए आस्था का केंद्र भी बन गई है। जिस ओर जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग अपने अनदेखी लापरवाही को दर्शाता है।










