मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले दूसरे दलों के नेताओं का बीजेपी में शामिल होने का सिलसिला जारी है। महज ढाई माह में करीब 5800 नेता अपनी पार्टी छोड़कर कमल का फूल लेकर खड़े हो चुके हैं। इनमें पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री और पूर्व सांसदों के अलावा जनपद पंचायत अध्यक्ष, पार्षद समेत सामाजिक संगठनों के प्रमुख शामिल हैं। प्रदेश में कांग्रेस, सपा, बसपा और आप समेत अन्य दलों के नेताओं और जनप्रतिनिधियों को बीजेपी में शामिल करवाने के लिए प्रदेश और जिला स्तर पर न्यू जॉइनिंग टोली का गठन सक्रिय है। यह टोली दूसरे दलों के नेताओं का फीडबैक जुटा कर उन्हें बीजेपी में शामिल करती है। सबसे अधिक कांग्रेस से ही नेता टूट कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं, कांग्रेस के जिन नेताओं ने बीजेपी जॉइन की, उन्होंने कांग्रेस की रीति-नीति पर सवाल खड़े किए। नतीजा यह है कि प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रही है। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि दबाव की राजनीति के चलते कुछ लोग बीजेपी का दामन थाम रहे हैं। साथ ही दावा किया है कि इससे कांग्रेस पर कोई असर नहीं होगा। वहीं, बीजेपी का कहना है कि जो नेता पार्टी में शामिल होना चाहते हैं, उनका स्वागत है। आज हम इसी मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
विधानसभा चुनाव के बाद से मध्य प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस अपने अस्तित्व से जूझ रही है। कारण यह है कि पिछले तीन महीने में प्रदेश कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं से लेकर छोटे नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़कर बी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी का कुनबा लगातार बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। कांग्रेस, सपा, बसपा और आप समेत बाकी दलों के नेताओं और जनप्रतिनिधियों को बीजेपी में शामिल करवाने के लिए प्रदेश और जिला स्तर पर न्यू जॉइनिंग टोली का गठन किया गया है। प्रदेश स्तरीय टोली के संयोजक पूर्व गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और सह संयोजक पूर्व मंत्री संजय पाठक हैं। न्यू जॉइनिंग टोली दूसरे दलों के नेताओं का फीडबैक जुटा कर उन्हें पार्टी में शामिल करती है।
बीजेपी की जॉइनिंग टोली जनवरी से अब तक 68 दिन में दूसरे दलों से आने वाले 5800 नेताओं को बीजेपी में शामिल करवा चुकी है। कांग्रेस के जिन नेताओं ने बीजेपी जॉइन की, उन्होंने कांग्रेस की रीति-नीति पर सवाल खड़े किए। दरअसल, बीजेपी ने हर बूथ पर 51% वोट शेयर हासिल करने का टारगेट तय किया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मप्र में 58% वोट मिले थे। इस वोट शेयर को 10 प्रतिशत बढ़ाने के लिए बीजेपी दूसरे दलों के प्रभावशाली नेताओं से लेकर बूथ स्तर पर की- वोटर्स को जोड़ने में जुटी है। बीजेपी का कहना है कि जो नेता पार्टी में शामिल होना चाहते हैं उनका स्वागत है।
बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने 68 प्रतिशत वोट हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मप्र में 58% वोट मिले थे। पिछले महीने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पार्टी छोड़ने वाले 63 नेताओं की लिस्ट जारी की थी। इस सूची के मुताबिक, कांग्रेस से बीजेपी में जाने वाले सिर्फ 7 नेताओं को छोड़कर बाकी हाशिए पर चले गए। पिछले 5 साल में भाजपा में गए 63 नेताओं में 56 हाशिए पर हैं। 7 नेता ही मंत्री या विधायक हैं। अब सवाल उठता है कि बीजेपी का दामन थामने की होड़ कांग्रेस नेताओं में क्यों लगी हुई है।