अमेरिका स्थित सीडर-सिनाई मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि मस्तिष्क कोशिकाओं की गतिविधियां व रीढ़ की हड्डी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस) संबंधी विकारों के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया को विनियमित करती हैैं। इनमें अल्जाइमर, हंटिंगटन तथा रीढ़ की हड्डी की चोट आदि शामिल हैैं। शोध के दौरान एस्ट्रोसाइट्स में कोशिका संबंधी बदलावों पर गौर किया गया। ये मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी को मदद करने वाली विशेष प्रकार की कोशिकाएं हैं। कोशिका संबंधी बदलावों को सामूहिक तौर पर प्रतिक्रियाशीलता (रिएक्टिविटी) के रूप में जाना जाता है। पहली बार विज्ञानियों ने यह साक्ष्य उपलब्ध कराया है कि एस्ट्रोसाइट्स अणुओं के खास संग्रह का इस्तेमाल करते हैैं, जिसे ट्रांसक्रिप्शनल रेगुलेटर कहा जाता है। इसके जरिये वे अणुओं में विकार के कारण हुए बदलावों को आकार देते हैैं। नेचर पत्रिका में प्रकाशित यह अध्ययन खास एस्ट्रोसाइट्स को लक्षित करते हुए केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के कई विकारों के इलाज का मार्ग प्रशस्त करता है। बायोमेडिकल साइंस तथा न्यूरोलाजी विभाग में सहायक प्रोफेसर व अध्ययन के प्रमुख लेखक जोशुआ बर्दा के अनुसार, ‘केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के विकारों की उपचार रणनीतियों के रूप में एस्ट्रोसाइट रिएक्टिविटी को लक्षित करने में रुचि बढ़ी है। विभिन्न प्रकार की एस्ट्रोसाइट प्रतिक्रियाओं का समन्वय कौशल और उनमें हेरफेर के परिणाम न केवल हमें केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की बीमारियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे, बल्कि उनके इलाज की खोज के लिए भी अंतदर्ृष्टि प्रदान करेंगे।”