दुर्ग,पूनम ऋतु सेन। 7 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ होने वाला है, इसके लिए तैयारियां भी जोर शोर से की जा रहीं हैं। इसी संबंध में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए दुर्ग जिले के कलेक्टर ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें दुर्गा पंडाल, मूर्तियां और अन्य बिंदुओं पर निर्देश दिए गए हैं ताकि कोरोना के अनियंत्रित खतरे को स्थिति पूर्व ही उपाय कर रोकथाम कर लिया जाए। इनमें से कुछ प्रमुख गाइडलाइन्स हैं-
• मूर्ति की अधिकतम उंचाई 08 फीट हो और POP निर्मित मूर्ति की बिक्री एवं स्थापना किया जाना प्रतिबंधित रहेगा ।
• मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15 x 15 फीट से अधिक न हो व पंडाल के सामने कम से कम 500 वर्गफीट खीली जगह हो ।
• ज्योति दर्शन हेतु दर्शनार्थियों एवं अन्य व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णतः वर्जित रहेगा। ज्योति प्रज्जवलन की जिम्मेदारी केवल मंदिर प्रबंधन समिति की होगी ।
• मंडप/पंडाल के सामने दर्शनार्थियों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल नहीं रहेगा औऱ कुर्सिया भी नहीं लगाई जायेगी।
• किसी भी एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 50 व्यक्ति से अधिक संख्या न हो ।
• बिना मास्क के पंडालों में प्रवेश वर्जित होगा। इसका पालन न किये जाने पर संबंधित समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी ।
• रास गरबा व डांडिया का आयोजन पहुंच रूप से नहीं होगा व आयोजन स्थल की क्षमता का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम 100 व्यक्ति ही सम्मिलित हो सकेंगे ।
• मूर्ति स्थापित करने वाले समिति एक रजिस्टर में दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता मोबाईल नम्बर दर्ज करेगी ताकि उनसे कोई भी व्यक्ति संक्रमित होने पर कांटेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके।
• पंडालों में प्रवेश के पहले सैनेटाईजर ,थर्मल स्क्रिनिंग आक्सीमीटर हँडवाश एवं क्यू (कतार) मेनेजमेंट सिस्टल की सुव्यवस्थित व्यवस्था की जावेगी।
• फिजिकल डिस्टेन्सिंग बेरिकेटिंग कराकर कराया जाएगा
• कन्टेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र में कन्टेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी।
• मूर्ति स्थापना के दौरान विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के भोजन भंडारा की अनुमति नहीं होगी।
• धुमाल/ बॉस बैड़ तथा अन्य वाद्य यंत्र जिसका पीएमपीआ 200 वॉट से अधिक न हो के बजाने की अनुमति होगी।
• मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ विरतण की अनुमति नहीं होगी ।
• मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी एवं मूर्ति विसर्जन के लिए एक पिक-अप टाटाएस (छोटा हाथी) से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा।
• मूर्ति विसर्जन के लिए अधिकतम 10 व्यक्ति को ही अनुमति होगी ।
• मूर्ति एवं पूजन सामग्रीयों को विसर्जन स्थानीय निकाय – नगर निगम / नगर पालिका परिषद नगर पंचायत तथा ग्राम पंचायतों द्वारा निर्धारित विसर्जन कुंड में ही किया जावेगा।
• सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी ।
• पंडाल स्थापित करने एवं ध्वनि विस्तारक यंत्र उपयोग करने हेतु 3 दिन पूर्व शपथ पत्र का आवेदन संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही मूर्ति स्थापित की जाएगी।
देखें आदेश: