स्थानीय स्तर पर भारी विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) के तहत नगालैंड की स्थिति को अशांत और खतरनाक करार दिया तथा 30 दिसंबर से छह और महीने के लिए पूरे राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया।
गृह मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी जिसमें कहा गया कि पूरे नगालैंड राज्य का क्षेत्र इतनी अशांत और खतरनाक स्थिति में है कि नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है। अधिसूचना गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव पीयूष गोयल द्वारा जारी की गई। केंद्र सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया जब उसने नगालैंड से विवादास्पद अफस्पा को वापस लेने की संभावना की जांच के लिए कुछ दिन पहले ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। गोयल को समिति में सदस्य सचिव नामित किया गया है। समिति के अध्यक्ष सचिव स्तर के अधिकारी विवेक जोशी हैं। समिति को 45 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।
बता दें कि अफस्पा नगालैंड में 1958 से ही लागू है। इस कानून के तहत सुरक्षा बल बिना किसी वारंट के किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं।