ड्रोन देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैैं। इनके जरिये हथियार, ड्रग्स आदि भेजे जा रहे हैं। पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाकों में यह समस्या ज्यादा गंभीर है। पिछले वर्ष जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से हमला भी किया जा चुका है। अच्छी बात यह है कि अब दुश्मन देश के ड्रोन की पहचान कर उन्हें नष्ट करना संभव हो सकेगा। अब चेन्नई आधारित कंपनी होल्ड डिफेंस और एयरोस्पेस ने ऐसी एंटी ड्रोन गन का निर्माण किया है, जो न सिर्फ दुश्मन के ड्रोन की पहचान करेगी, बल्कि उसे हवा में ही मार गिराएगी। पुलिस एक्सपो में इस एंटी ड्रोन गन ‘चैलेंजर-3″ को प्रदर्शित किया गया।
नईदिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय पुलिस एक्सपो का गुरुवार को समापन हो गया। एक्सपो में 18 देशों की 350 से अधिक विश्वस्तरीय कंपनियों में हिस्सा लिया। दूसरे दिन एंटी ड्रोन गन ‘चैलेंजर-3″ लोगों के आकर्षण का केंद्र रही। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि उच्च तकनीक से लैस यह गन दो किलोमीटर दूर उड़ रहे ड्रोन की पहचान कर उसे हवा में नष्ट कर सकती है। कंपनी ने इसकी कीमत 60 लाख रुपये रखी है। इसमें लगाया गया इलेक्ट्रो मैग्नेटिक सेंसर बेहद शक्तिशाली है, जो दिन-रात, दोनों समय काम कर सकता है। इसमें लगा सेंसर ड्रोन का जीपीएस और उसके नेविगेशन तकनीक को बंद कर सकता है, जिससे उसे संचालित करने वाला नियंत्रण खो देता है।
मेक इन इंडिया को मिल रही मजबूती
पुलिस एक्सपो में विदेशी कंपनियों के साथ ही स्वदेश्ाी कंपनियों ने भी रक्षा से जुड़े अत्याधुनिक हथियार प्रदर्शित किए गए। केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत योजना का प्रभाव साफ दिखा। पुलिस एक्सपो में दर्जनों स्वदेशी कंपनियां रक्षा उपकरण बनाने वाली अन्य विदेशी कंपनियों को टक्कर देती नजर आईं।
मैपिग और सर्विलांस में आत्मनिर्भरता
मैपिग और सर्विलांस के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता आई है। मेक इन इंडिया के तहत 2019 में श्ाुरू स्टार्टअप इंडो विंग्स देशी को स्वदेशी रूप से निर्मित मैपिंग और सर्विलांस के लिए तकनीक उपलब्ध करा रहा है। यह स्टार्टअप विशेष रूप से सर्विलांस और खेती के साथ-साथ डिफेंस संबंधित उपयोग के लिए ड्रोन बनाता है। कंपनी के एक पदाधिकारी ने बताया कि डिफेंस और खेती जैसे क्षेत्र में सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैैं। सर्विलांस और एंटी ड्रोन सिस्टम के साथ-साथ स्माल एम्यूनिशन ड्रापिंग फैसिलिटी पर भी यह स्टार्टअप तेजी से काम कर रहा है।
डाटा रिकवरी की उन्न्त तकनीक
डाटा डिलीट हो जाना बड़ी समस्या है, लेकिन स्टेेलर कंपनी डाटा रिकवरी के लिए काम कर रही है। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार से कई उपक्रमों सहित सेना के साथ भी काम कर रहे हैैं। ओएनजीसी, एनटीपीसी, बीएचईएल, एचएएल, आरबीआइ और डीआरडीओ के साथ भी स्टेलर काम कर रही है।
आधुनिक उपकरण हुए प्रदर्शित
एक्सपो में अपराधों की रोकथाम और भारतीय पुलिस एवं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए जरूरी आधुनिक शस्त्र, तकनीक एवं उपकरण पेश किए गए। फायरआर्म्स, ड्रोन, बुलेट प्रूफ जैकेट, साइबर सुरक्षा, मोबाइल फोरेंसिक, काउंटर ड्रोन, आर्म्ड व्हीकल जैसे अत्याधुनिक उपकरण प्रदर्शित किए गए। इसमें यूके, यूएस, इजरायल, जर्मनी, फ्रांस, दुबई, यूएई, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया, रूस, स्पेन, इटली, डेनमार्क, स्वीडन आदि की कंपनियों ने हिस्सा लिया था।