- कलेक्टर और विभागीय अधिकारी करेंगे स्कूलों का सतत निरीक्षण
रायपुर, 01 जुलाई 2024। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि शिक्षा उन्नति का मूल मंत्र है और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों और कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण करें और अध्ययन-अध्यापन की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन और पारदर्शी प्रशासन हमारा लक्ष्य है। राज्य सरकार का यह प्रयास होगा कि बच्चों को स्कूल का बेहतर भवन मिले और वहां पढ़ाई-लिखाई की अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित हो। उन्होंने धीमी गति से चल रहे जीर्णोद्धार कार्यों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जर्जर स्कूलों के जीर्णाेंद्धार में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों और स्कूलों के युक्ति-युक्तकरण के लिए अगले कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत बच्चों से पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने का आह्वान किया।
शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए मुख्यमंत्री ने नीति तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों को रोटेशन के आधार पर प्रशिक्षण मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने स्कूलों से बच्चों के पालकों को भी जोड़ने का सुझाव दिया और प्रदेश में 6 अगस्त को मेगा-पीटीएम आयोजित करने की घोषणा की।
आरटीई के तहत ड्राप आउट रोकने मेंटॉर होंगे नियुक्त
छत्तीसगढ़ में आरटीई के तहत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के ड्राप आउट पर अंकुश लगाने के लिए जिलेवार अधिकारियों को मेंटॉर के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
व्यावसायिक शिक्षा : बच्चों की स्किलिंग उद्योगों की जरूरत के मुताबिक हो
मुख्यमंत्री ने स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम को बेहतर गुणवत्ता के साथ संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उद्योगों की जरूरत के मुताबिक बच्चों की स्किलिंग हो, ताकि बारहवीं पास करने के बाद उन्हें आसानी से रोजगार के अवसर मिल सके।
बैठक में जानकारी दी गई कि छत्तीसगढ़ में छात्र-शिक्षक अनुपात राष्ट्रीय स्तर से बेहतर है। बालवाड़ियों की संख्या 9,438 बताई गई और 1132 नई बालवाड़ियों के प्रारंभ का निर्णय लिया गया। पीएम श्री योजना के तहत 211 स्कूलों में योजना प्रारंभ की गई है और 198 और स्कूलों में इसे शुरू करने का प्रस्ताव भेजा गया है।
विद्या समीक्षा केन्द्र के संबंध में जानकारी दी गई कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित हितग्राहीमूलक योजनाओं की मॉनिटरिंग हेतु विद्या समीक्षा केन्द्र बनाया गया है। विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की उपस्थिति की ऑनलाईन मॉनिटरिंग, विद्यार्थियों के मूल्यांकन, मध्यान्ह भोजन योजना, शिक्षकों की पदोन्नति-स्थानांतरण आदि की मॉनिटरिंग की जाएगी। आईआईटी भिलाई के साथ एमओयू किया गया है। बैठक में अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।