राज्य में नई सरकार के गठन के बाद पिछले कुछ दिनों से हसदेव बचाओ के नाम पर शुरू हुई राजनीति के बीच राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष और मुख्य प्रबंधक (CMD)आर के शर्मा बुधवार की शाम जयपुर से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे। उल्लेखनीय है कि 2007 में यूपीए सरकार ने राजस्थान सरकार को अपनी विद्युत संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में 3 कोयले की खदानें आवंटित की थी।
इनमें से 2013 से संचालित पी ई के बी खदान के विस्तार के लिए राजस्थान सरकार के तरफ से राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष और मुख्य प्रबंधक स्वीकृत जमीन मांगने के लिए रायपुर के दौरे पर आए हैं।
राजस्थान के 4300 मेगावाट की बिजली का उत्पादन सरगुजा के कोयले पर आधारित है, जो कि आने वाली गर्मी के मौसम में राजस्थान के 8 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं के लिए अनिवार्य है।
याद रहे कि राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस सम्बन्ध में अनेक चिट्ठियां लिखने के अलावा मार्च 2022 में उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर विशेष अनुरोध किया था।
रायपुर एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों से बातचीत में सीएमडी आरके शर्मा ने बताया कि अपने तीन दिनों के छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान वे राजस्थान राज्य के लिए अति महत्वपूर्ण कोयले की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों के साथ आवश्यक बैठक करेंगे। उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार छत्तीसगढ़ को कोयले के बदले में सालाना करीब 1000 करोड़ का राजस्व देता है।