रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं। राज्य में 24 घंटे में 4120 पॉजिटिव मिले हैं। रायपुर में 1185 संक्रमित पाए गए हैं। प्रदेश में कुल 4 मौतों में से तीन अकेले रायपुर में ही हुई हैं। इधर, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना की जांच तेज करें। रोज अधिक से अधिक सैंपल की जांच हो। इस समय करीब 39 हजार सैंपल रोज टेस्ट किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में, हमारे पास लगभग 5,000 सामान्य बिस्तर और लगभग 8,500 आॅक्सीजन बिस्तर हैं। आॅक्सीजन, एचडीयू, आईसीयू, वेंटिलेटर सपोर्ट वाले बेड की संख्या करीब 5,000 है। पीक टाइम में प्रदेश में 2 लाख एक्टिव केस हो सकते हैं। बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में सभा, रोड शो, रैली, जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया है।
मंत्रालय और सरकारी दफ्तरों में एक तिहाई कर्मचारियों की ही उपस्थिति
इधर, प्रदेश में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए मंत्रालय और सरकारी दफ्तरों में अब एक तिहाई कर्मचारियों की उपस्थिति ही रहेगी। दफ्तरों में रोस्टर बनाकर अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। वहीं सबडिवीजन अधिकारी और उससे वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति पूरी रहेगी। वहीं जांजगीर में सक्ती थाना के 9 पुलिसकर्मी पॉजिटिव मिले हैं। थाने के टीआई, 2 एएसआई और 6 आरक्षक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। भाजपा नेता और पूर्व आईएएस ओपी चौधरी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। वे आइसोलेशन में रहकर इलाज करा रहे हैं। बिलासपुर में यूएएई से लौटे पहले ओमिक्रॉन पॉजिटिव को लेकर राहत की खबर आई है। उन्हें किसी तरह से कोई दिक्कत नहीं है। वहीं, उनके संपर्क में रहने वाले परिवार के पांच सदस्यों की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। अभी तक देखने में आ रहा है कि शुरूआती तीन दिन तक बुखार, सिर दर्द और बदन दर्द के साथ गले में खराश या जुकाम जैसे सामान्य लक्षण नजर आ रहे हैं। अधिकतर लोगों में ऐसे लक्षण भी नहीं दिख रहे हैं और बेहद सामान्य दिख रहे हैं। ऐसे में बहुत पैनिक होने की जरूरत नहीं है। सावधानी बरतकर संक्रमण बढ़ने से रोकने की कोशिश करनी है। फिलहाल छत्तीसगढ़ में रोजाना 50 हजार लोगों की जांच करने की कोशिश की जा रही है, ताकि समय पर संक्रमण की पहचान की जा सके। प्रदेश में कोरोना संक्रमण बेकाबू हो चुका है। इसके कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन होने के पूरे आसार हैं। आधिकारिक पुष्टि के लिए रायगढ़ नवोदय विद्यालय और आईआईटी भिलाई जैसे क्लस्टरों से जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार है। विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक यह वायरस कम खतरनाक दिख रहा है। ऐसे में अधिकतर संक्रमितों को बिना लक्षणों वाले या केवल बुखार और बदन दर्द की शिकायत आ रही है। 96-97% मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया, ओमिक्रॉन और किसी दूसरे वैरिएंट की पहचान के लिए हर महीने जिलों में लिए गए कुल नमूनों का 5% भुवनेश्वर लैब में भेजा जाता है। विदेशों से लौटकर छत्तीसगढ़ आए लोगों के सैंपल भी वहां भेजे गए हैं। एक क्लस्टर में बड़ी संख्या में मरीज मिलने पर उनके नमूने भी भुवनेश्वर भेजे जा रहे हैं।