रायपुर। कका से मुख्यमंत्री तक का सफर तय करना कोई आसान बात नहीं थी। विरोधियों को परास्त करना और जनता का विश्वास जीतना, यह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहचान बन चुकी है। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने राज्य को संवारने का बीड़ा उठाया। गरीब लोगों की तकलीफ भली-भांति समझा जिसे आमतौर पर नहीं देखा जाता था। एक किसान परिवार में जन्म लिए भूपेश बघेल का शुरू से ही राजनीति में जुड़ाव देखा गया। बचपन से ही स्कूल के कार्यक्रम में आगे रहना और प्रतिनिधित्व क्षमता उनमें देखी जाती रही, ये कला धीरे धीरे राजनेता बन कर सामने आ गई।
स्कूल मॉनिटर से लेकर छात्र नेता तक का सफर और कांग्रेस में प्रवेश के साथ मुख्यमंत्री तक का सफर बेहद शानदार रहा।
जनता के बीच मुख्यमंत्री का अलग रूप
आमतौर पर यह देखा जाता है कि मुख्यमंत्री की एक अलग ही छवि होती है जो प्रोटोकॉल में रहते हैं। आम जनता के बीच पहुंच तो जाते हैं लेकिन आसानी से उनमें रम नहीं जाते लेकिन हमारे काका में यह बात देखने को मिलती है। बात चाहे किसी राजनैतिक सभा की हो या फिर किसी भी आयोजन की व जनता के बीच पहुंचते यह भूल जाते हैं कि वह मुख्यमंत्री हैं और अपनी जनता का सुख दुख बांटने उनके बीच में जा खड़े होते हैं। उनके साथ हंसी मजाक करना उनके दुख सुख समझना उनकी हर जरूरतों का ध्यान रखना मुख्यमंत्री में नजर आने लगता है।
राजनीतिक सफर
भूपेश बघेल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1980 के दशक में की थी। वर्ष 1985 में वे भारतीय युवा कांग्रेस में शामिल हुए और दुर्ग जिले के अध्यक्ष बनाए गए। वे वर्ष 1993 में पाटन निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार चुने गए। वे वर्ष 1993 से 2001 तक मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड के निदेशक रहे। वे 1990 से 94 तक जिला युवक कांग्रेस कमेटी, दुर्ग (ग्रामीण) के अध्यक्ष रहे।
बघेल को वर्ष 1994 में मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया। वे वर्ष 1998 में विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए और दिग्विजय सिंह सरकार में राज्यमंत्री (लोक शिकायत विभाग में) नियुक्त किए गए। वर्ष 2000 में जब छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया, तब बघेल राजस्व, लोक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और राहत कार्य के पहले मंत्री बने और वर्ष 2003 तक इस पद पर बने रहे। बाद में उसी क्षेत्र से वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य बने।
वे वर्ष 2003 से 2008 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के उपनेता नियुक्त किए गए। वर्ष 2004 में उन्होंने दुर्ग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से संसदीय चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह वर्ष 2009 के आम चुनाव में भी उन्हें भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ हार मिली।
वर्ष 2014 में उन्हें कांग्रेस का राज्य अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वर्ष 2018 में वे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रमुख रहे। हाल ही में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में बघेल ने पाटन सीट से विजय हासिल की है।
भूपेश बघेल की चर्चित योजनाएं
भूपेश बघेल ने ऐसे कई योजनाओं की शुरुआत जो लोकप्रिय हो गई हैं। इसमें गौधन न्याय योजना, नरवा गरवा घुरुवा बाड़ी राज्य के अलावा अन्य राज्यों में भी पसंद किया गया है। इसके अलावा महिलाओं के लिए भी कई योजनाएं शुरू हुई, जिसमे स्वस्थ से लेकर कानूनी जानकारी भी महिलाओं को आसानी से मिल रही है।
वही मुख्यमंत्री ने शिक्षा के लिए भी बेहद लोकप्रिय हुए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की स्थाना भी की जिससे आज बिना आर्थिक बोझ के छात्रों को इंग्लिश मीडियम स्कूल में दाखिला मिला है। अरब साथी उच्च शिक्षा के लिए यानी कि कॉलेज की पढ़ाई के लिए विवाह स्वामी आत्मानंद आदर्श इंग्लिश महाविद्यालय की शुरुआत करने की नई पहल कर रहे हैं इसे छत्तीसगढ़ में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा का उच्च स्तर तो प्राप्त होगा ही साथ ही कम बजट में उनकी पढ़ाई भी पूरी हो जाएगी।
आलाकमान में भी लोकप्रिय
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य की राजनीति में लोकप्रिय रहे हैं और अपनी अलग पहचान बना चुके हैं बल्कि केंद्र में भी उनका अलग दबदबा है अगर आलाकमान की बात की जाए तो वहां पर भी मुख्यमंत्री ने अपनी एक अलग छवि और पहचान बनाई हुई है रौबदार और कद्दावर नेताओं की सूची में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी नाम शामिल है। देश में कांग्रेस की राजनीति में कई बड़ी और महत्वपूर्ण चुनावी जिम्मेदारियां भी मुख्यमंत्री को दी गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी का आत्मीय विश्वास मुख्यमंत्री पर है।
जीवन परिचय
सन 1961 को 23 अगस्त के दिन दुर्ग के एक सामान्य किसान नंद कुमार बघेल के घर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती बिंदेश्वरी बघेल जी ने एक बालक को जन्म दिया । इनका विवाह श्रीमती मुक्तेश्वरी बघेल से हुआ। आपकी 4 संताने है।
बचपन से कठिन परिश्रम के धनी, पढ़ाई में होशियार, खेलकूद में भी अग्रणी, अपने शिक्षकों के प्रिय। इस नन्हे बालक की शुरुआती शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से प्रारंभ हुई। अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रायपुर के प्रतिष्ठित साइंस कॉलेज से आगे की पढ़ाई करते हुए एमएससी तक की शिक्षा ली। इसी दौरान इनका इनका रुझान राजनीति की तरफ़ दिखने लगा और छात्र राजनीति की शुरुआत हुई । जिनका नाम आज न सिर्फ़ राजनीतिक गलियारों में तैरता है बल्कि प्रदेश का बच्चा बच्चा उन्हें अपने कका के नाम से संबंधित करता है, भूपेश बघेल जिन्हें उस समय लोग भूपेश भईया कहकर संबोधित करते थे।
पहला दिन
मैं भूपेश बघेल….. इस शपथ के दो घंटे के भीतर ही कृषि ऋण माफी और अपेक्षाकृत जल्दी तरीके से धान समर्थन मूल्य में 50% की वृद्धि। सरकार ने शिक्षा-कर्मी (अस्थायी शिक्षक) के लिए 15,000 स्थायी शिक्षकों के पदों की रिक्ति की घोषणा की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वपूर्ण और प्रथमिकताओं वाली योजनाएं जिनमे नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना से विशेष प्रसिद्धि प्राप्त की है, जिसके अंतर्गत गोबर खरीदी योजना लाया गया और गौशालाओं का निर्माण किया गया। नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना के अंतर्गत पुराने पारंपरिक कार्यो के लिए युवाओं को प्रोत्साहन देने कोशिश किया गया है।
ऐसी शुभकामनाओं के साथ ekhabri परिवार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को आज उनके जन्मदिन के शुभावसर पर हार्दिक बधाईयां एवं शुभकामनाएँ।