उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन से चार किलोमीटर पहले हथियापुर गांव के पास कासगंज-फर्रुखाबाद पैसेंजर ट्रेन बर्निंग ट्रेन बनकर दौड़ी। दूसरी बोगियों से कुछ यात्री कूदे थे। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। यात्रियों के शोर मचाने पर लोको पायलट ने गांव के पास क्रासिंग से पहले ही ट्रेन रोकी। लोको पायलट ने ग्रामीणों और यात्रियों की मदद से लपटों से घिरी बोगी को अलग कराया और कंट्रोल रूम को सूचना दी। एसपी अशोक कुमार मीणा के मुताबिक कोई हताहत नहीं हुआ है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कासगंज से फर्रुखाबाद के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेन 05389 रात में 09:15 बजे चलती है और 11:40 बजे फर्रुखाबाद पहुंचती है। ट्रेन में सवार यात्री ने बताया कि ट्रेन देरी से चल रही थी। शमसाबाद से निकलने के बाद ट्रेन की बोगियों में धुआं आना शुरू हो गया था। पहले तो कुछ समझ में न आने से नजरंदाज करते रहे। जब सांस लेने में परेशानी होने लगी तो खिड़की और दरवाजे खोलकर देखा। इंजन के पीछे तीसरी बोगी से आग की लपटें निकल रही थीं। इस पर सवारियों ने शोर मचाना शुरू किया।
बर्निंग ट्रेन बनकर ट्रैक पर दौड़ रही ट्रेन देख लिए ग्रामीण भी निकल आए। लोको पायलट ने भीड़ दौड़ती देखकर गाड़ी रोकी तो उन्हें आग की लपटें नजर आईं। जिस पर उन्होंने ट्रेन रोकने के बाद ग्रामीणों की मदद से फर्रुखाबाद की ओर इंजन और दो बोगियों को काटा गया। वहीं पीछे की नौ बोगियों को भी काट कर अलग किया गया। जिस पर ट्रेन में सवार यात्री जान बचाने के लिए खड्ड में कूदने लगे। लोको पायलट की सूचना पर मऊ दरवाजा थाना का फोर्स, आरपीएफ इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार, जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह, एसपी फर्रुखाबाद अशोक कुमार मीणा घटनास्थल पहुंचे। घटना के बाद कासगंज से दुर्घटना राहत ट्रेन पहुंची जो ट्रेन से काटकर अलग की गईं बोगियों को लेकर समशाबाद जाएगी। जली हुई बोगी को भी शमसाबाद ले जाया गया।