जिंदगी में भी अगर संघर्ष ना हो ,चुनौती ना हो तो आदमी खोखला ही रह जाता है, उसके अन्दर कोई गुण नहीं आ पाता ! ये चुनोतियाँ ही हैं जो आदमी रूपी तलवार को धार देती हैं। उसे सशक्त और प्रखर बनाती हैं।
अगर प्रतिभाशाली बनना है तो चुनोतियाँ तो स्वीकार करनी ही पड़ेंगी। अन्यथा हम खोखले ही रह जायेंगे। अगर जिंदगी में प्रखर बनना है,प्रतिभाशाली बनना है तो संघर्ष और चुनोतियो का सामना तो करना ही पड़ेगा।










