
नक्सलियों के द्वारा जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए जमीन के कई फीट के अंदर आईडी को लगाया जाता था, जिससे कि जैसे ही जवान उसकी जद में आये, नक्सली अपना काम कर सके, लेकिन नक्सलियों के इस मंसूबों को हमेशा नाकामयाब करने वाली सुसैन की मौत हो गई। सुसैन की मौत से आला अधिकारियों को काफी दुख हुआ। सुसैन के निधन के बाद उसे तिरंगे में लपेटकर सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया सुसैन के निधन पर जानकारी देते हुए सीआरपीएफ 231 बटालियन के आला अधिकारियों ने बताया कि सुसैन जवानों के साथ हर ऑपरेशन में बराबरी से चलने के साथ ही आईडी को सूंघने में काफी माहिर थी, बेल्जियम शेफर्ड फीमेल सुसैन की मौत के बाद उसे तिरंगे में लपेटकर अफसरों और जवानों ने अंतिम विदाई दी