रामलला के सूर्य तिलक के लिए बेंगलुरु की कंपनी ने स्पेशल सिस्टम तैयार किया था। रामनवमी पर अयोध्या में विराजमान रामलला का पहला सूर्य तिलक हुआ। 3 मिनट तक रामलला के मस्तक पर सूर्य किरणें पड़ीं। इसके लिए बेंगलुरु की कंपनी ने अष्टधातु के 20 पाइप से यह सिस्टम तैयार किया। कंपनी ने 1.20 करोड़ का ये सिस्टम मंदिर को डोनेट किया। 65 फीट लंबाई के इस सिस्टम में अष्टधातु के 20 पाइप लगाए गए।
रामनवमी पर देशभर के मंदिरों में लोग सुबह 4 बजे से ही दर्शन करने पहुंचे। अयोध्या के राम मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में डुबकी लगाई। हनुमान गढ़ी में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। मणिपुर की राजधानी इंफाल के राधा-कृष्ण मंदिर में सुबह महाआरती की गई। मुंबई के जुहू में इस्कॉन के सदस्यों ने शोभायात्रा निकाली, तो ओडिशा के पुरी में सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने रामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए रेत की कलाकृति बनाई।