पिछले साल लैंगिक जांच में जैविक रूप से पुरुष बताकर विश्व चैंपियनशिप में अयोग्य घोषित कर दी गई अल्जीरिया की महिला मुक्केबाज इमाने खेलीफ सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रही हैं। ओलंपिक में उनकी भागीदारी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। इमाने के खिलाफ पहले मुकाबले में प्रतिद्वंद्वी एंजिला कैरिनी नाक पर पंच पड़ने के बाद 46 सेकंड में मुकाबले में हट गई थीं। इमाने के अलावा ताइवान की लिन यू-टिंग के भी महिला वर्ग में भाग लेने पर पिछले कुछ दिनों से विवाद चल रहा है। तमाम विवाद और सुर्खियों के बावजूद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) का कहना है कि इमाने और लिन खेलने के लिए योग्यता रखती हैं। हालांकि, अब इमाने ने महिला मुक्केबाजी के 66 भारवर्ग के सेमीफाइनल में जगह बना ली है और अपने देश के लिए एक पदक (कम से कम कांस्य) पक्का कर लिया है। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में हंगरी की अना लुका हैमोरी को 5-0 से हरा दिया। सेमीफाइनल में प्रवेश के साथ वह अल्जीरिया की सातवीं पदक विजेता मुक्केबाज बन गई हैं। महिला मुक्केबाजी में अल्जीरिया का यह पहला ओलंपिक पदक है। खलीफ और लिन ने 2021 में टोक्यो ओलंपिक में भी प्रतिस्पर्धा की थी लेकिन पदक नहीं जीता था। जीत और पदक पक्का करने के बाद इमाने रिंग में ही रोने लगीं। वहीं, अना लुका ने मैच के बाद कहा- यह एक कठिन मैच था, लेकिन मुझे लगता है कि मैं वह सब कुछ कर सकती थी जो मैं लड़ाई से पहले चाहती थी। मुझे लगता है कि यह एक अच्छी लड़ाई थी। मुझे खुद पर बहुत गर्व है और मैं यहां आने के लिए बहुत आभारी हूं। मैं हर बाउट का आनंद लेने में सक्षम थी और मैं एक पल के लिए भी निराश नहीं हुई। अभी तो यही स्थिति है, लेकिन कौन जानता है कि भविष्य में क्या होगा। मैंने खिलाड़ी की तरह व्यवहार करने की कोशिश की, ताकि मेरा प्रतिद्वंद्वी कुछ भी मेरे बारे में बुरा न कह सके।