मम्मी-पापा मुझे माफ कर दीजिए। हरसंभव प्रयास के बाद भी शांति नहीं मिल पा रही। मेरा सपना था कि पहले प्रयास में लोक सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसी) पास कर लूं। पर छात्रों पर बढ़ते दबाव और रोजमर्रा की दिक्कतों की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। पीजी और हॉस्टल वाले छात्रों को लूट रहे हैं। छात्र यह झेल नहीं पाते हैं। तीन पन्नों के सुसाइड नोट में यूपीएससी अभ्यर्थियों की परेशानियों का जिक्र कर महाराष्ट्र की अंजलि (25) ने पंखे से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। अंजलि की आत्महत्या की घटना 21 जुलाई की सुबह उसी ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में हुई जहां 27 जुलाई को राव आईएएस स्टडीज के बेसमेंट में पानी भरने से तीन से यूपीएससी अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी। अंजलि की मौत की घटना अब तक मीडिया के सामने नहीं आई थी। पुलिस को मृतका के पास के पास से अंग्रेजी में लिखा तीन पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। नोट में सबसे पहले अंजलि ने आत्महत्या करने के लिए अपने माता-पिता से माफी मांगी है। वह लिखती है कि हर संभव प्रयास के बाद भी उसे शांति नहीं मिल पा रही है। इसकी वजह से वह डिप्रेशन का शिकार हो गई है। डॉक्टर को दिखाने के बाद भी उसे आराम नहीं लग रहा है। अंजलि लिखती है कि उसका सपना था कि वह पहले प्रयास में यूपीएससी पास कर ले, लेकिन छात्रों पर बढ़ते दबाव और राजमर्रा की दिक्कतों की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाई। वह लिखती है कि आत्महत्या इसका कोइ हल नहीं है, लेकिन इसके बाद भी वह मौत को गले लगा रही है। अपने नोट में उसने सरकारी नौकरियों में पारदार्शिता लाने और नौकरी पैदा करने की बात लिखी है।
पीजी-हॉस्टल वाले छात्रों को लूट रहे… नोट लिखकर फंदे से झूल गई बिटिया
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