असम में छह महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हुए बोडोलैंड परिषद चुनाव में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया है। चुनाव परिणाम में पार्टी ने यहां 40 में से नौ सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि 2015 के चुनाव में उसे एक सीट मिली थी। सत्तारूढ़ बोडो पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) को 17 और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को 12 सीटों पर जीत मिली है। इस परिणाम के साथ ही भाजपा ने असम के बोडो बहुल क्षेत्रों में स्व-शासी निकाय बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) पर शासन करने के लिए जरूरी बहुमत हासिल करने के मकसद से अपने गठबंधन के सहयोगी बीपीएफ को छोड़ नए सहयोगी दल से हाथ मिला लिया।
भाजपा ने एक तरह से बीपीएफ का साथ छोड़ दिया। राज्य में सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के तीन मंत्री हैं। बीपीएफ, बीटीसी चुनावों में 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को 12 सीटों पर जीत मिली है। वहीं, भाजपा नौ और कांग्रेस तथा गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) को एक-एक सीटों पर जीत हासिल हुई है। बीपीएफ और भाजपा राज्य सरकार में तो सहयोगी दल हैं, लेकिन इस चुनाव में दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ रही थीं और चुनाव प्रचार के दौरान एक-दूसरे पर हमलावर भी रही थीं। बीटीसी चुनाव को असम विधानसभा चुनाव का सेमी फाइनल माना जा रहा है।
बीपीएफ के अध्यक्ष हाग्रामा मोहिलरी ने कहा कि उनकी पार्टी ने बार-बार भाजपा से गठबंधन धर्म निभाने और बीटीसी में सरकार बनाने में मदद करने की अपील की, लेकिन भाजपा ने उनके आग्रह को नजरअंदाज कर दिया। बीपीएफ पिछले तीन कार्यकाल से परिषद का नेतृत्व कर रहा था। मोहिलरी परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) के रूप में नियुक्त थे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूपीपीएल को 12 सीटें जीतने के लिए बधाई दी और कुछ ही समय बाद ट्वीट में पार्टी को ‘सहयोगी’ करार दिया। इसी बीच, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने घोषणा की कि यूपीपीएल प्रमुख प्रमोद बोड़ो बीटीसी में नए मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) होंगे। बीपीएफ और यूपीपीएल को बोडो बहुल क्षेत्रों में प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। अन्य दलों के बीच भी चुनाव से पहले कोई गठबंधन नहीं हुआ था।
पिछले 17 वर्षों से बीटीसी के सीईएम रहे मोहिलरी ने बीटीसी के मुख्यालय कोकराझार में कहा, चूंकि हम दिसपुर में राज्य सरकार का हिस्सा हैं, इसलिए मैं भाजपा से बीपीएफ को बीटीसी में सरकार बनाने में मदद करने की अपील करता हूं। हमने भाजपा के साथ गठबंधन नहीं तोड़ा है और उसे गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए। लेकिन, भाजपा ने उनकी अपील ठुकरा दी। इसके तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्वीट किया कि एनडीए ने असम बीटीसी चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। हमारे सहयोगी यूपीपीएल, मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, हिमंत बिस्वा सरमा, रंजीत दास और भाजपा असम इकाई को बधाई।
नई दिल्ली में 27 जनवरी को नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के सभी चार धड़ों के नेताओं द्वारा नए बोडो समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद परिषद का चुनाव हुआ था। बीटीसी का चुनाव चार जिलों- कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदलगुरी में हुआ, जो बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के अंतर्गत आता है। भाजपा और बीपीएफ ने एजीपी के साथ मिलकर 2016 का विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा था, जिसमें बीपीएफ को 12 सीटें मिली थीं। इसके तीन विधायक अभी भी सोनोवाल सरकार में मंत्री हैं। बीपीएफ के एकमात्र राज्यसभा सदस्य बिस्वजीत दैमारी पिछले महीने औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गए। वह विभिन्न अवसरों पर मोदी सरकार का समर्थन करते रहे हैं।