हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत पाने के बाद भी कांग्रेस मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर उलझ गई है। शुक्रवार को दिन में तीन बार टलने के बाद रात आठ बजे हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हाईकमान को मुख्यमंत्री चेहरे का निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया। इससे पहले दिनभर राजनीतिक घटनाक्रम गर्माया रहा।
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह व चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। दोनों दिन में अलग-अलग बैठकें कर रणनीति बनाते रहे। पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में विधायक दल की बैठक में सभी की राय जानी गई। एक पंक्ति का प्रस्ताव पारित कर हाईकमान को मुख्यमंत्री चयन के लिए अधिकृत किया गया है। इसके बाद प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल, पर्यवेक्षक व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिह हुड्डा ने बंद कमरे में सभी विधायकों को एक-एक कर राय जानी। पर्यवेक्षक इसकी रिपोर्ट हाईकमान को सौंपेंगे।
सूत्रों के मुताबिक कुछ विधायकों ने पर्यवेक्षकों से पहले ही मुलाकात कर राय दे दी थी। रविवार या सोमवार तक अंतिम फैसला ले लिया जाएगा। दोनों धड़ों को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है।
शुक्ल ने बताया कि बैठक में किसी भी नाम पर चर्चा नहीं हुई। कहा कि मतदान वहां होता है जहां विवाद होता है। लेकिन कांग्रेस में सीएम चेहरे को लेकर कोई विवाद नहीं है। बैठक में मुकेश अग्निहोत्री ने हाईकमान को अधिकृत करने का प्रस्ताव रखा, जिसका सुक्खू ने समर्थन किया। सभी ने कहा कि हाईकमान जो भी निर्णय लेगा, उस पर अमल किया जाएगा। हिमाचल के विधायकों को दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है, न ही उन्हें वहां बुलाया गया है। कोई भी किसी के लिए लाबिंग नहीं कर रहा है। दिन में राज्यपाल से औपचारिक भेंट थी। उन्हें बताया गया कि कांग्रेस को बहुमत मिला है। पार्टी विधायक दल के नेता को चुनकर अवगत करा दिया जाएगा। विधायक दल की बैठक के लिए पहुंचे सुक्खू, मुकेश, अनिरुद्ध व विक्रमादित्य सिह को समर्थक कंधों पर उठाकर लाए।
विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत प्राप्त करने के बाद कांग्रेस ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस मुलाकात के बाद कांग्रेस में एक और विवाद उठा है। प्रदेश से कोई भी नेता राज्यपाल से मिलने नहीं पहुंचा। सिर्फ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश्ा प्रभारी राजीव शुक्ल, केंद्रीय पर्यवेक्षक व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिह हुड्डा ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। राजनीतिक जानकारों के अनुसार प्रोटोकाल के तहत निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश अध्यक्ष व वरिष्ठ नेता भी उपस्थित रहने चाहिए थे, लेकिन इसमें किसी को भी साथ नहीं रखा गया।