
रायपुर। बस्तर के नक्सली हिंसा से पीड़ित और ग्रामीण अपनी बात पूरे देश में पहुंचाने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं। नक्सली हिंसा से पीड़ितों ने नक्सलियों से निपटने के लिए अब नया नारा दिया है…केंजा नक्सली—-मनवा मोटा। स्थानीय बोली के इस नारे का अर्थ है ..सुनो नक्सली हमारी बात……..। जो नारे और तख्तियां उन बच्चों और लोगों के हाथों में हैं उसमें लिखा है …मैं खामोश बस्तर हूं… लेकिन …आज बोल रहा हूं… माओवाद हटाओ-बस्तर बचाओ।
बस्तर शांति समिति के बैनर तले करीब 50 लोग दिल्ली के उन दरवाजों में दस्तक दे रहे हैं, जहां से या तो नक्सलियों को खाद-पानी मिलता है या फिर गृहमंत्री अमित शाह का दरवाजा जहां से नक्सलवाद के खात्मे की हुंकार और संकल्प का असर बस्तर में दिखाई दे रहा है। दिल्ली पहुंचे ये पीड़ित कल जंतर-मंतर पर बैठे थे और उसके बाद गृहमंत्री अमित शाह से मिले थे। आज कॉन्सटीट्यूशन क्लब में पत्रकार-वार्ता भी करेंगें। नक्सलवाद का समर्थन करने वाले जेएनयू कैम्पस में भी जायेंगें और उन्हे नक्सलवाद से हुई बर्बादी से रुबरु करवायेंगें। ताकि दिल्ली के तथाकथित बुध्दिजीवी जो दिल्ली से बैठकर या बस्तर में प्रवास करने के बाद नक्सलवाद के समर्थन में जो बातें करते हैं उनका तगड़ा प्रतिवाद किया जा सके।
मोदी के पहले कार्यकाल में नक्सलवाद के सफाए के लिए 2022 तक की समय सीमा तय की गयी थी लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने से नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो गयी थी हालांकि केन्द्रीय बल लगातार उन इलाकों में अपने ठिकाने बनाते जा रहे थे जो जनताना सरकार के कब्जे में थे। डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में ही बड़े नक्सली नेताओं का सफाया हो चुका था और नक्सल संगठनों में भर्तियां होना कम हो गयी थी। रमन सरकार के नए जिले बनाने और बस्तर में लगातार तीन पुलिस महानिरीक्षकों लांगकुमेर, कल्लूरी और सुन्दरराज पी की लम्बे समय तक तैनाती नक्सलियों की कमर तोड़ने की बड़ी वजह बनी।
इसके अलावा अन्य बातें जैसे रोजगार के अवसरों में वृद्धि , विकास कार्य, सड़कों का जाल , दंतेवाड़ा एजुकेशन कॉम्पलेक्स, अच्छे प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति सहित अनेक ऐसे काम रहे कि नक्सलवाद धीरे-धीरे दम तोड़ने लगा। विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनते ही …नियद नेल्लानार….नारे के साथ बस्तर के गांवों में विकास की नई इबारत लिखने और विश्वास जगाने का काम तेजी से शुरु हुआ। हाल ही का गृहमंत्री अमित शाह का रायपुर प्रवास यह बताने के लिए काफी है कि नक्सलवाद खात्मे की दिशा में केन्द्र और राज्य सरकार कितनी गंभीरता से काम कर रही है। नक्सलियों को पाताल से खोज कर भी मारेंगें जैसा अमित शाह का बयान प्रतिबद्धता को दर्शाने के लिए काफी है। बस्तर के आईजी पी.सुन्दरराज ने नक्सलियों को चेताया कि आत्मसमर्पण कर दो नहीं तो तुम्हारे साथी तुम्हे मार देंगें जो कि दीगर राज्यों से आकर छत्तीसगढ़ के नक्सलियों पर राज कर रहे हैं और मुठभेड़ में पीछे रहकर छत्तीसगढ़ियों के ह्यूमन शील्ड की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। यानि सभी मोर्चों पर सर्वोच्च प्राथमिकता से काम हो रहा है चाहे फोर्सेस के नये-नये कैम्प, नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में नक्सलियों का सफाया, आत्मसमर्पित नक्सलियों को सुरक्षा बलों में नियुक्ति और अब नक्सलियों के हिंसा पीड़ितों का दिल्ली कूच। यदि यही गति और जज्बा रहा तो बहुत ही जल्द बस्तर भी सरगुजा जैसा नक्सल मुक्त शांत क्षेत्र बन पायेगा।
गृहमंत्री शाह की नक्सलियों को साफ़ चेतावनी
बता दें कि, गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नक्सलियों से हिंसा छोड़ने और हथियार डालकर आत्मसमर्पण करने की अपील की साथ ही चेतावनी दी कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनके खिलाफ व्यापक अभियान शुरू किया जाएगा। शाह ने छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले के 55 पीड़ितों को यहां अपने आवास से संबोधित करते हुए यह भी कहा कि 31 मार्च 2026 तक माओवाद को समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश से नक्सली हिंसा और विचारधारा को मिटाने का फैसला किया है।
शाह ने कहा, ‘‘मैं नक्सलियों से अपील करता हूं कि वे हिंसा छोड़ दें, हथियार डाल दें और आत्मसमर्पण कर दें जैसा कि पूर्वोत्तर के उग्रवादियों ने किया है। अगर आप मेरी बात नहीं मानते हैं तो इस खतरे को खत्म करने के लिए जल्द ही एक व्यापक अभियान शुरू किया जाएगा।’’
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों ने माओवादियों के खिलाफ अपने अभियानों में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है और यह समस्या अब छत्तीसगढ़ के सिर्फ चार जिलों तक सीमित रह गई है। उन्होंने कहा कि माओवादियों ने एक बार पशुपतिनाथ (नेपाल) से तिरुपति (आंध्र प्रदेश) तक गलियारा बनाने की साजिश रची थी, लेकिन मोदी सरकार ने उसे नाकाम कर दिया। शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय जल्द राज्य सरकार के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के नक्सल हिंसा प्रभावित लोगों के लिए कल्याणकारी योजना तैयार करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘नौकरी, स्वास्थ्य सेवा और अन्य क्षेत्रों में कल्याणकारी कदमों के माध्यम से हम आपकी हरसंभव मदद करेंगे।’’