रायपुर, 19 सितंबर 2024:छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के लगभग 70 नक्सल पीड़ितों ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके निवास पर मुलाकात की। नक्सल हिंसा से प्रभावित इन लोगों ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए न्याय और पुनर्वास की मांग की। इस दल का नेतृत्व बस्तर शांति समिति ने किया, जो राज्य में नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और विकास के लिए कार्यरत है। इनमें से कई लोगों ने नक्सलियों के हाथों अपने परिवार के सदस्यों को खोया है, कुछ ने अपने अंग गंवाए हैं, और कुछ पूरी तरह से अपाहिज हो गए हैं।
इस मुलाकात का उद्देश्य नक्सल हिंसा से पीड़ित लोगों की पीड़ा को राष्ट्रीय स्तर पर लाना था। पीड़ितों ने बताया कि नक्सली हमलों के कारण उनके जीवन में गंभीर व्यवधान आए हैं। गृह मंत्री ने उनकी कहानियों को ध्यान से सुना और उनकी समस्याओं पर गंभीरता दिखाई। उन्होंने इन लोगों के संघर्ष और साहस की सराहना करते हुए आश्वासन दिया कि सरकार उनकी समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और राज्य सरकार का योगदान
पीड़ितों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कार्यों से प्रेरित होकर ही वे अपनी बात दिल्ली तक ला सके। राज्य सरकार ने जिस तरह बस्तर और अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों और सुरक्षा प्रयासों को प्राथमिकता दी है, उसने इन्हें यह हिम्मत दी कि वे अपनी आवाज़ दिल्ली में उठा सकें। पीड़ितों ने मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में राज्य में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और पुनर्वास के लिए किए गए कार्यों की सराहना की। एक पीड़ित ने कहा, “मुख्यमंत्री साय ने न केवल हमारे दर्द को समझा, बल्कि हमें यह भरोसा भी दिलाया कि हमारे साथ न्याय होगा।”
नक्सल पीड़ितों की पीड़ा और संघर्ष
मुलाकात के दौरान पीड़ितों ने गृह मंत्री को बताया कि कैसे नक्सल हिंसा ने उनके जीवन को बर्बाद कर दिया। किसी ने अपने परिवार को खो दिया, किसी ने अपने अंग गंवाए, और कई अब भी शारीरिक व मानसिक रूप से इन हमलों के जख्मों से जूझ रहे हैं। गृह मंत्री ने उनकी बातों को ध्यान से सुनकर आश्वासन दिया कि सरकार नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाएगी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को और तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।
जंतर मंतर पर पीड़ितों की आवाज़
गृह मंत्री से मुलाकात से पहले, नक्सल पीड़ितों का यह दल जंतर मंतर पर भी पहुँचा, जहाँ उन्होंने अपनी समस्याओं को आम जनता के सामने रखा। इस आंदोलन का उद्देश्य था कि नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास और शांति को प्राथमिकता दी जाए, और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
आने वाली योजनाएँ
यह दल 21 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेगा। इस मुलाकात में नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थायी शांति और विकास के लिए चर्चा की जाएगी। दल के सदस्य राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे, जिसमें सुरक्षा बलों की तैनाती, विकास कार्यों की गति बढ़ाने, और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की माँग की जाएगी।
इस मुलाकात के बाद नक्सल पीड़ितों में उम्मीद जगी है कि उनके संघर्ष और पीड़ा को अब राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाएगा। सरकार उनके पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाएगी, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास का एक नया अध्याय शुरू होगा।