बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत : अयोग्य ठहराने पर लगी 12 जुलाई तक रोक
मुंबई । महाराष्ट्र का सियासी संकट सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस बीच, उद्धव ठाकरे ने पहली बार बागी मंत्रियों पर बड़ी कार्रवाई की है। बागियों में शामिल एकनाथ शिंदे समेत 5 मंत्रियों से उनके विभाग छीन लिए गए हैं। एकनाथ शिंदे का विभाग सुभाष देसाई को दिया गया है। कुछ विभागों की अतिरिक्त जिम्मेदारी बेटे आदित्य ठाकरे को सौंपी गई है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में शिंदे गुट की ओर से कहा गया है कि उन्होंने महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। इस तरह यह सरकार अल्पमत में है। शिंदे गुट ने संकेत दिया कि वे अगले 24 घंटे के अंदर राज्यपाल से मिलकर उन्हें महाराष्ट्र सरकार से समर्थन वापिस लेने का पत्र सौंप सकते हैं।
एकनाथ ने की राज ठाकरे से बात
40 से अधिक विधायकों को लेकर गुवाहाटी की होटल में डटे एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे से फोन पर बात की। हालांकि इसे शिष्टाचार फोन कॉल बताया जा रहा है क्योंकि राज ठाकरे की एक सर्जरी हुई है और इसके बाद वे अस्पताल से घर लौटे हैं। वहीं महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीच इस बातचीत के दूसरे मतलब भी निकाले जा रहे हैं।
कोर्ट ने सभी पक्षों को जारी किया नोटिस 5 दिन में मांगा जवाब
महाराष्ट्र का सियासी संकट गहराता ही जा रहा है। सोमवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर पांच दिन में जवाब मांगा है। कोर्ट अब इस मामले में 11 जुलाई को सुनवाई करेगा। वहीं उद्धव ठाकरे ने बागी मंत्रियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके मंत्रालयों को छीन लिया है।
संजय राउत को ईडी का समन
उधर, प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने सांसद संजय राउत को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। राउत को यह नोटिस पात्रा चॉल जमीन घोटाले के मामले में जारी किया गया है। उन्हें कल ही पेश होने के लिए कहा गया है। नोटिस के बाद राउत ने कहा कि मैं मंगलवार को जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हो सकूंगा, क्योंकि मुझे अलीबाग में एक मीटिंग में शामिल होना है। उन्होंने ईडी के समन को साजिश करार देते हुए ट्वीट किया, अब मैं समझता हूं कि श्वष्ठ ने मुझे समन क्यों भेजा है। अच्छा है। महाराष्ट्र में बड़े घटनाक्रम चल रहे हैं। बाला साहेब के हम सभी शिव सैनिक एक बड़ी लड़ाई में शामिल हो गए हैं। यह साजिश चल रही है। मेरी गर्दन कट जाए तो भी मैं गुवाहाटी के रास्ते पर नहीं जाऊंगा। चलो। मुझे गिरफ्तार करो! जय महाराष्ट्र!