
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत मिली है। देश की सर्वोच्च अदालत ने सिसोदिया को जमानत दी है। पिछले साल मार्च में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया था। ईडी से पहले सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें उन्हें राहत मिली है। ईडी अगस्त 2022 में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच कर रही है। ईडी अब तक इस मामले में 15 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पिछले साल जनवरी में, एजेंसी ने एक पूरक चार्जशीट दायर की और दावा किया कि आप के शीर्ष नेताओं ने खुद के लिए अवैध धन जुटाने के उद्देश्य से आबकारी नीति बनाई थी। ईडी ने आरोप लगाया कि साजिश निजी संस्थाओं को थोक व्यापार देने और उसी से छह फीसदी रिश्वत प्राप्त करने के लिए 12 फीसदी मार्जिन तय करने की थी।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में सात पूरक आरोपपत्र दायर कर चुकी है। जुलाई में दायर सातवें पूरक आरोपपत्र में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ‘सरगना और मुख्य साजिशकर्ता’ और आम आदमी पार्टी को अपराध की आय का प्रमुख लाभार्थी बताया था। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत ने 208 पन्नों की चार्जशीट पर संज्ञान लिया था, जिसमें केजरीवाल और आप को आरोपी बनाया गया।