मुगल काल रहा हो या इसके पूर्व अन्य इस्लामिक शासकों का समय, हिंदू मंदिरों को तोड़ने के फरमान को आम जनमानस ने कभी स्वीकार नहीं किया। समय-समय पर इनका जबर्दस्त प्रतिरोध हुआ। इन युद्धों में बहुत से अनाम धर्मरक्षकों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। शाहजहां के शासन काल में भारत आए ब्रिटिश यात्री और व्यापारी पीटर मंडी के यात्रा वृत्तांत ‘द ट्रेवेल आफ पीटर मंडी इन यूरोप एंड एशिया 1608-1667″ में इनका वर्णन मिलता है।
आगरा से पटना जा रहे पीटर मंडी तीन सितंबर, 1632 को मुगलसराय (अब दीनदयाल उपाध्याय नगर) पहुंचे तो वहां किसी को फांसी पर लटकाया जा रहा था। मंडी ने जब इसके बारे में जानकारी की तो पता चला कि शाहजहां ने विश्वनाथ मंदिर सहित काशी के अन्य मंदिरों को तोड़ने का हुक्मनामा इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के सूबेदार हैदर बेग को जारी किया था। हैदर बेग ने अपने चचेरे भाई को सैन्य बल के साथ बनारस भेजा। उसकी सेना के एक राजपूत सिपाही को रास्ते में पता चला कि उसके आराध्य का मंदिर तोड़ने की योजना है। वह एक पेड़ की आड़ में छिप गया और सूबेदार के चचेरे भाई व उसके तीन-चार साथियों को मार डाला। अंत में वह मारा गया और आततायियों ने उसके शव को पेड़ पर लटका दिया।
मंडी ने बनारस में साधुओं के प्रतिरोध का जिक्र भी किया है। ख्यात इतिहासकार डा. मोतीचंद ने अपनी पुस्तक ‘काशी का इतिहास” के तीसरे अध्याय ‘शाहजहां-औरंगजेब कालीन बनारस” में लिखते हैं कि इस अनाम राजपूत का बलिदान बताता है कि हिंदुओं के ह्रासपूर्ण युग में भी ऐसे वीर थे, जो धर्म की रक्षा के लिए बलिदान हो गए। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शोध छात्र शचींद्र पांडेय ने अपने शोधपत्र ‘मध्यकालीन बनारस का इतिहास (1206 से 1761 ईस्वी)” में भी ‘द ट्रेवेल आफ पीटर मंडी” में इस घटना का उल्लेख किया है। इन जनप्रतिरोधों के कारण ही शाहजहां का विश्वनाथ मंदिर को तोड़ने का फरमान मूर्त रूप नहीं ले सका। पुस्तक में इन जनप्रतिरोधों का विस्तृत वर्णन तो नहीं मिलता, मगर औरंगजेब के समय में मराठा क्षत्रपों के विरोध और संघर्ष की बातें हैं।
भिलाई। नूपुर शर्मा के पैगंबर के खिलाफ विवादित टिप्पणी के बाद जयपुर में कन्हैय्या लाल की हत्या के बाद तालीबानी भिलाई भी पहुंच गई है। छत्तीसगढ़ में नूपुर शर्मा को सपोर्ट करने पर जान से मारने की धमकी का पहला...
गोधन न्याय योजना की वजह से मिली जीवनसंगिनी रायपुर। कुछ वर्ष पहले एक फिल्म आयी थी रब ने बना दी जोड़ी, लेकिन छत्तीसगढ़ में अब लोग कह रहे हैं गोधन ने बना दी जोड़ी। दरअसल कोरिया में एक युवक की...
एनआईए और एसआईटी की टीम आज करेगी पूछताछ उदयपुर। उदयपुर में जघन्य हत्या के बाद पूरे शहर में जगह-जगह पुलिस तैनात कर दी गई है। सात थाना क्षेत्रों में कफ्र्यू लगा दिया गया है। वहीं पूरे राजस्थान में 24 घंटे...
रायपुर। कांग्रेस पार्टी की शिकायत पर छत्तीसगढ़ पुलिस जी न्यूज के एंकर और पत्रकार रोहित रंजन को गिरफ्तार करने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले स्थित इंदिरापुरम पहुंच गई है। मुश्किलों में खुद को घिरा देख एंकर ने योगी सरकार और...
सरगुजा। सरगुजा में बुधवार सुबह तेज रफ्तार ट्रक और कार की टक्कर हो गई। हादसे में कार सवार कारोबारी दो भाइयों की मौत हो गई। जबकि 3 भाइयों की हालत गंभीर है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीनों घायलों को...
कांकेर। 2 जुलाई को हिंदू संगठनों द्वारा प्रायोजित बंद कांकेर में पूर्णतया सफल दिखाई दिया। जहां बड़ी छोटी दुकानों के अलावा फुटपाथी दुकानें भी बंद की चपेट में रहीं। सवेरे से ही विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता दुकानें बंद करवाने निकल...
रायपुर। उदयपुर की घटना का व्यापक असर आज राजधानी समेत छत्तीसगढ़ में देखने को मिला। छत्तीसगढ़ में बंद का जबरदस्त समर्थन किया गया है। पूरे व्यवसायियों ने दुकानें बंद रखी। दुकानों में जड़ा ताला देखकर यह साफ हो गया है...
शिकायत मिलते ही पुलिस ने की कार्रवाई भिलाई। राजस्थान के उदयपुर में नूपुर शर्मा के समर्थन करने पर दर्जी को मौत के घाट उतारे जाने के बाद पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है। इस बीच छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले...
कल्लाकुरिची। दुनिया में सब स्वार्थ पर टिका, बस बाप-बेटी का रिश्ता प्यार पर टिका। इन्हीं शब्दों को बयां कर रहा एक इमोशनल वीडियो इन दिनों खूब वायरल हो रहा है। वीडियो शादी का है, लेकिन इसे देखकर लोग भावुक हो...
किसी नवविवाहिता के पति की अल्प आयु में मृत्यु हो जाने के बाद उसे विधवा जिंदगी जीना मुहाल हो जाता है। घर, परिवार, गांव में भी उन्हें उपेक्षा की नजर से देखा जाता है। ऐसी परिस्थिति में सहानुभूति और अपनेपन...