कांकेर। विपणन संघ की लापरवाही और ठेकेदारों से मिलीभगत कर सैकड़ों हम्मालों की भविष्यनिधि फंड में राशि जमा नहीं हुई है। आज जारी एक बयान में सुखरंजन नंदी ने बताया कि विपणन संघ में ठेकेदार के अंतर्गत कार्य कर रहे सैकड़ो श्रमिकों का भविष्यनिधि फंड में पैसा जमा ही नहीं होता है और इस पूरे घपले के लिए विपणन संघ पूरी तरीके से जिम्मेदार है। श्रम कानून के मुताबिक भविष्यनिधि फंड में मजदूरों के मजदूरी का जितना अंश जमा करना होता है उतना ही अंश नियोक्ता को भी जमा करना होता है, लेकिन श्रमिकों से उनके वेतन के 24 प्रतिशत कटौती कर ठेकेदार अपने पास रख लेता है और वर्ष के अंत में मजदूरों के वेतन से कटौती की गई राशि के समपरिणाम राशि ठेकेदार मजदूरों को वापस किया है। इसमें ठेकेदार अपने अंश मजदूरों को नहीं देता है। जबकि श्रम कानून के मुताबिक मजदूर और नियोक्ता दोनों की राशि भविष्यनिधि फंड में जमा होना है। इस जमा राशि पर श्रमिकों को चक्रबृद्धि दर पर ब्याज भी मिलता है, लेकिन यहां विपणन संघ और ठेकेदार ने सांठगांठ कर श्रमकानूनों का खुले आम उल्लंघन करते हुए मजदूरों को उनके अपने अधिकार से वंचित किया है।
गौरतलब है कि नियोक्ता के अंश को भी मजदूरों के वेतन से कटौती कर ठेकेदार एक साल तक अपने पास रखा रहा और भविष्य निधि फंड के पैसे को अपने व्यक्तिगत कार्यों में उपयोग कर शासन के पैसों का दुरुपयोग किया है और इस पूरे घोटाला में विपणन संघ के वह कर्मचारी पूरी तरह से संलिप्त है जो भविष्य निधि के मामलों को देखता है। विपणन संघ के इस कर्मचारी की सांठ-गांठ के बिना यह घोटाला संभव नहीं था। नंदी ने विपणन संघ के दोषी कर्मचारी व ठेकेदार पर तुरंत उचित कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही श्रमिकों के भविष्यनिधि फंड में सभी बकाया राशि तुरंत जमा करने की मांग की है।