नेपाल के पर्वतारोही कामी रीता ने 30 साल में 30वीं बार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। वे ऐसा करने वाले दुनिया के इकलौते पर्वतारोही बन गए हैं। कामी 10 दिन में 2 बार एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे। इससे पहले कामी रीता 12 मई को इस चोटी पर पहुंचे थे। 54 साल के कामी को एवरेस्ट मैन के नाम से भी जाना जाता है।कामी 1994 से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर रहे हैं। हर बार अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हैं। यह बात खास इसलिए है कि एवरेस्ट के शिखर पर चढ़ने में पर्वतारोहियों को कई दिन लग जाते हैं, ऐसे में इतने कम समय में ये कारनामा करना बड़ी उपलब्धि है।
नेपाली पर्यटन अधिकारी खीम लाल गौतम ने कहा कि 54 वर्षीय कामी रीता शेरपा ने दक्षिण-पूर्व रिज रूट से चढ़ाई की और 8,849 मीटर (29,032 फीट) की चोटी पर पहुंचे। वे स्थानीय समयानुसार बुधवार की सुबह 7:49 बजे यहां पहुंचे। कामी रीता एक शेरपा हैं और माउंट एवरेस्ट की खतरनाक चढ़ाई के लिए यहां आने वाले ट्रैकर्स को गाइड करते हैं। शेरपाओं को पर्वतों पर चढ़ने की उनकी स्किल्स के लिए जाना जाता है। वे विदेशी पर्वतारोहियों को एवरेस्ट पर चढ़ने में मदद करते हैं और इसी से उनकी कमाई होती है। लगभग हर पर्वतारोही के साथ एक शेरपा जरूर होता है।
कामी रीता पहली बार 25 साल की उम्र में 1994 में एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे थे। इसके बाद से वे लगभग हर साल एवरेस्ट पर चढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि बीच में नेपाल सरकार द्वारा कुछ अवसरों पर चढ़ाई पर प्रतिबंध लगा देने की वजह से वे एवरेस्ट पर नहीं चढ़ सके। कामी शेरपा सोलुखुंबू जिले के थामे गांव के रहने वाले हैं। वे जब 12 साल के थे, तब से उन्होंने एवरेस्ट बेस कैंप तक पर्वतारोहियों के लिए जरूरी सामान पहुंचाने का काम शुरू कर दिया था। इसके बाद से उन्होंने लगातार 11 साल तक यह काम किया।