घर बैठे परिवहन सेवा देने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही यह सुविधा
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में प्रदेश के परिवहन विभाग द्वारा प्रदान की जा रही सुविधा तुंहर सरकार तुंहर द्वार को और सुदृढ़ एवं सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इसके तहत अब हाइपोथीकेशन से संबंधित सभी सेवाओं को फेसलेस कर दिया गया है। प्रदेशवासी अब घर बैठे हाइपोथीकेशन (एचपी) से जुड़ी सभी सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। करीब 75 बैंकों, वित्तीय संस्थानों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को अपनी हाइपोथीकेशन (एचपी) सेवाओं के साथ एकीकृत कर दिया गया है। परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा ने जानकारी देते हुए बताया कि इसके तहत हाइपोथिकेशन जोड़ने और समाप्ति के संबंध में आरटीओ कार्यालय में कोई भौतिक दस्तावेज नहीं लिया जाएगा। बैंकों और ऋण देने वाली संस्थाओं को आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी के माध्यम से सभी दस्तावेजों और एनओसी को सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल रूप से जमा करना होगा, जिससे भौतिक हस्ताक्षर की आवश्यकता न पड़े।
मिलेगी यह सुविधा
वाहन स्वामी के द्वारा एक बार जब बैंक में ऋण दे दिया जाएगा या भुगतान कर दिया जाता है, तो डेटा सीधे बैंक द्वारा वाहन डेटाबेस में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। परिवहन विभाग द्वारा एचपीटी सेवा को सत्यापित और अनुमोदित करने का कार्य सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्वत: हो जाएगा। आवेदकों को अपने बैंकों से फॉर्म-35 तथा एनओसी प्राप्त करने और इन दस्तावेजों को अपलोड करके हाइपोथेकेशन टर्मिनेशन के लिए परिवहन विभाग में आवेदन करने की कोई आवश्यकता नहीं है। एचपी के आॅटो-टर्मिनेशन के बाद एमपरिवहन और डिजिलॉकर पर अपडेटेड रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) उपलब्ध करा दिया गया है। वाहन मालिकों को एक एसएमएस के माध्यम से अपने एचपी के आटोमेटिक हटाने के बारे में भी सूचित किया जाता है।
लोगों को अब बार-बार परिवहन विभाग के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती
परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा तुंहर सरकार तुंहर द्वार के सुव्यवस्थित संचालन के लिए निरंतर निगरानी रखी जा रही है। परिवहन विभाग द्वारा संचालित तुंहर सरकार तुंहर द्वार योजना लोगों की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। परिवहन विभाग से संबंधित जनसुविधाएं इतनी सहजता से घर बैठे मिलने से लोगों को अब बार-बार परिवहन विभाग के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसके चलते आवेदकों के समय और धन की बचत होगी।
इतने प्रमाण-पत्र और ड्राइविंग लायसेंस घर पहुंचाए गए
इसके तहत केवल एक साल से कम की अवधि में 11 लाख से अधिक स्मार्ट कार्ड आधारित पंजीयन प्रमाण-पत्र और ड्राइविंग लायसेंस आवेदकों के घर भेजे जा चुके हैं। इनमें 7 लाख 50 हजार 934 स्मार्ट कार्ड आधारित पंजीयन प्रमाण-पत्र तथा 03 लाख 67 हजार 785 ड्राइविंग लायसेंस शामिल हैं। इसमें लोगों को परिवहन संबंधी 22 सेवाएं उनके घर के द्वार पर पहुंचाकर दी जा रही है। जन केन्द्रित इस सुविधा के अंतर्गत लोगों को अब बार-बार परिवहन विभाग का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। इससे आवेदकों के धन तथा समय दोनों की ही बचत हो रही है।
मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप हो रहा है काम
परिवहन आयुक्त श्री काबरा ने बताया कि परिवहन संबंधी सेवाओं में विस्तार के लिए राज्यभर में परिवहन सुविधा केन्द्र की स्थापना को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीते 26 जनवरी को घोषणा की थी। मुख्यमंत्री श्री बघेल की घोषणा के बाद इस संबंध में प्रक्रिया शुरू की गई। इस दौरान परिवहन सुविधा केन्द्र की स्थापना और भूमिका को लेकर परिवहन विभाग की ओर से प्रारूप तैयार किया गया। इस प्रारूप को अनुमोदित कर आगे की कार्यवाही के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जारी मार्गदर्शिका के अनुसार राज्यभर में लगभग एक हजार परिवहन सुविधा केन्द्र पूरे राज्य में खोले जा रहे हैं। वहीं परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना से करीब पांच हजार युवाओं के रोजगार सृजन की संभावना भी बनेगी। इसके तहत लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए परिवहन सुविधा केन्द्र को अधिकृत किया जा सकता है। इस परिकल्पना को रोजगारन्मुखी स्वरूप देने के लिए छत्तीसगढ़ में परिवहन सुविधा केन्द्र की स्थापना का निर्णय लिया गया है। परिवहन सुविधा केन्द्रों में लर्निंग लाइसेंस के अलावा अन्य परिवहन संबंधी सेवा के लिए आवेदन किया जा सकेगा। इससे जहां आमजनता को आसानी से और घर से निकट परिवहन संबंधी सेवाएं उपलब्ध होंगी। वहीं शिक्षित युवा बेरोजगारों को रोजगार भी मिलेगा। मार्गदर्शिका में परिवहन सुविधा केन्द्रों में विभिन्न सेवाओं के लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया है।
छत्तीसगढ़ ड्रायविंग लाइसेंस के लिए आनलाईन 1-ए प्रमाण-पत्र देने वाला पहला राज्य
वाहन चालाकों की सुविधा के लिए ड्रायविंग लाइसेंस हेतु आवश्यक आनलाईन मेडिकल प्रमाण पत्र देने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। इसके तहत अब तक प्रदेश के 1.5 लाख लोगों ने आॅनलाईन के माध्यम से इस यूजर फ्रेंडली नियम का लाभ उठाया है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मार्च के अंतिम सप्ताह में परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट को आॅनलाईन जारी करने के पोर्टल का शुभारंभ किया था। कोरोना काल में पेपरलेस मेडिकल प्रमाण की उपलब्धता से आवेदक और चिकित्सक दोनों को सुविधा हुई है। फोटो फिट्नेस ऐप के माध्यम से फिट्नेस हेतु आने वाली गाड़ी का 6 फोटो ऐप में माध्यम से खींचा जाता है जिसको कहीं से भी देखा जा है । इस ऐप के आने से प्रभावी और पारदर्शी फिट्नेस कार्यवाही करने में सहायता मिली है।