भुनेश्वर। ओडिशा के छह विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति किया जाना है। जिसके लिए एक सर्च पैनल का गठन किया गया था। पैनल ने 16 सीनियर प्रोफेसरों का चयन किया। इस मसले में विवाद राजभवन के सचिवों के वीसी पद के उम्मीदवारों के साथ व्यवहार और परीक्षा में पूछे गए सवालों को लेकर है। ओडिशा के राज्य विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर पद के लिए उम्मीदवारों की लिखित परीक्षा ली गई है, जिसे लेकर यहां के शिक्षाविदों में गुस्सा है. आपत्ति यहां परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों पर है। जिन्हें शिक्षाविदों ने अवैज्ञानिक करार देते हुए विरोध जताया है।
-ऐसे सवाल आप भी रह जाएंगे हैरान
?ब्रम्हांड… पर टिका हुआ है.
ब्रह्मांड के निर्माण में विश्वविद्यालय की भूमिका?
आपका वर्क एक्सपीरियंस? काम करने की शैली? काम करने की भावना?
अगर ईश्वर आपके सामने प्रकट हो जाएं और कहें कि वरदान मांगो तो आप क्या मांगना चाहेंगे।
पूछे गए सवाल को शिक्ष विद अवैज्ञानिक मान रहे हैं। इधर, ओडिशा राज्यपाल के पीआरओ रक्षक नायक ने ‘भगवान से वरदान वाले सवाल का बचाव करते हुए कहा कि वे सभी शिक्षाविद अपने-अपने विषयों के विशेषज्ञ हैं। ये टेस्ट सिर्फ ह्यूमिनिटी, यूनिवर्सिटी, अध्यात्मवाद और मानव जाति के बारे में उनकी धारणा को समझने के लिए था। अवधारणात्मक परीक्षा का विभिन्न तरीकों से विश्लेषण किया जा सकता है। ये राज्यपाल द्वारा शिक्षाविदों के व्यक्तित्व, जीवन और समाज के प्रति उनके दृष्टिकोण को जानने का एक तरीका था।