6 घायलों को अस्पताल भेजा गया
मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख, घायलों को 50-50 हजार की सहायता
उत्तरकाशी। यमुना घाटी में यात्रियों की बस खाई में गिरने से 23 लोगों की मौत हो गई है। यह बस करीब 200 मीटर गहरी खाई में गिरी है। सूचना मिलने पर मौके पर एसडीआरएफ के जवानों को राहत वचाब कार्य पर लगाया गया है। एसपी अर्पण यदुवंशी ने बताया कि डामटा से तकरीबन 2 किलोमीटर नौगांव की तरफ ये हादसा हुआ है। बस में सवार यात्री मध्य प्रदेश के पन्ना के रहने वाले हैं। 6 घायलों को अस्पताल भेज दिया गया है। उधर, प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रूपए और घायलों को 50-50 हजार की सहायता दी जाएगी। जानकारी के अनुसार बस में 28 से 29 लोग सवार थे। चार से पांच लोग गंभीर रुप से घायल बताये जा रहे हंै, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधु ने सभी अधिकारियों को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। सभी यात्री मध्यप्रदेश के बताए जा रहे हैं। सभी यात्री यमुनोत्री से दर्शन करके लौट रहे थे। बताया जा रहा है कि डामटा जो कि हिमाचल-उत्तराखंड के बॉर्डर के पास का एरिया है वहां पर ये हादसा हुआ है। सूचना मिलने पर मौके पर एसडीआरएफ के जवानों को राहत वचाब कार्य पर लगाया गया है। एसपी अर्पण यधुवंशी ने बताया कि डामटा से तकरीबन 2 किलोमीटिर नौगांव की तरफ ये हादसा हुआ है, बस में सवार यात्री जिला पन्ना के रहने वाले हैं। जानकारी के अनुसार बस में 28 से 29 लोग सवार थे। चार से पांच लोग गंभीर रुप से घायल बताये जा रहे है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
23 यात्रियों के शव बरामद
थानाध्यक्ष पुरोला अशोक कुमार ने बताया कि वह स्वयं घटना स्थल पर हैं। बस डेढ़ सौ से दो सौ मीटर गहरी खाई में गिरी, जिसके परखच्चे उड़ गए। 23 यात्रियों के शवों को बरामद कर लिया गया है। बस में कुल 28 यात्री थे। गहरी खाई और अंधेरे की वजह से शवों को सड़क तक पहुंचाने में दिक्कत हो रही है। अभी सिर्फ दो शव ही सड़क तक पहुंचाए गए हैं।
शिवराज ने धामी से की बात
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर चर्चा कर घायलों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने और उनके समुचित इलाज की व्यवस्था के लिए कहा है। मुख्यमंत्री पूरी घटना के रेस्क्यू का स्वयं संज्ञान ले रहे है और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे उत्तराखंड सरकार के संबंधित अधिकारियों के संपर्क में रहकर घायलों की मदद करने में कोई कमी न रखे।