
रायपुर, नवंबर 2024: राष्ट्रीय बाल दिवस के अवसर पर अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने जिला समाज कल्याण कार्यालय के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत झारसुगुड़ा के 500 आंगनवाड़ी केंद्रों को उन्नत नंद घरों में बदला जाएगा। नंद घर, आंगनवाड़ी का आधुनिक रूप है जो महिलाओं और बच्चों के समग्र विकास केंद्र के रूप में कार्य करता है।
इस मौके पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में अबोली नरवणे, जिला मजिस्ट्रेट व कलेक्टर, झारसुगुड़ा; सुरेश पुजारी, राजस्व मंत्री, ओडिशा सरकार; टंकाधर त्रिपाठी, एमएलए, झारसुगुड़ा; पुन्यबती हेलेन ऐक्सैस, जिला समाज कल्याण अधिकारी, झारसुगुड़ा; और राधाकांता गरतिया, जिला शिक्षा अधिकारी, झारसुगुड़ा शामिल थे।
झारसुगुड़ा वेदांता के एल्यूमिनियम प्रचालन का प्रमुख केंद्र है और यहां विश्व का सबसे बड़ा एल्यूमिनियम स्मेल्टर स्थित है। वेदांता एल्यूमिनियम के कर्मचारी सामुदायिक विकास कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं और स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल, और सांस्कृतिक गतिविधियों में योगदान करते हैं। स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन से लेकर स्थानीय कलाओं के प्रचार-प्रसार तक, कर्मचारियों के प्रयासों का समुदायों पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है।
वेदांता एल्यूमिनियम के मुख्य प्रचालन अधिकारी सुनील गुप्ता ने कहा, “हम अपने प्रचालन क्षेत्रों में सस्टेनेबल विकास और समावेशी प्रगति के लिए समर्पित हैं। नंद घर पहल के जरिए हमारा उद्देश्य नई पीढ़ी और महिलाओं को उज्जवल भविष्य के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना है। हमें गर्व है कि हम झारसुगुड़ा जिला विभागों के साथ मिलकर इस पहल को साकार कर रहे हैं।”
झारसुगुड़ा की कलेक्टर अबोली नरवणे ने वेदांता के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “झारसुगुड़ा के आंगनवाड़ी केंद्रों के उन्नयन के लिए वेदांता का सहयोग सराहनीय है। नंद घर पहल से बच्चों और महिलाओं के लिए सुरक्षित और शिक्षण केंद्र स्थापित होंगे, जो उनके समग्र कल्याण को बढ़ावा देंगे।”
एमएलए टंकाधर त्रिपाठी ने कहा, “यह साझेदारी सामुदायिक संसाधनों को बढ़ाने की साझा सोच को दर्शाती है। नंद घर के अपग्रेड से बच्चों और महिलाओं को सशक्त बनाया जाएगा और झारसुगुड़ा के समुदायों की वृद्धि होगी।”
बाल दिवस पर एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम के साथ ही ‘दुकान जात्रा’ कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें 60 स्कूलों के 3,500 से अधिक विद्यार्थी और वेदांता के कर्मचारी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने 60 से अधिक स्टॉल लगाकर हस्तशिल्प और खाने-पीने की वस्तुएं प्रस्तुत कीं, जिससे उनके रचनात्मक और उद्यम कौशल को बढ़ावा मिला।
नंद घर की मुख्य विशेषताएं:
- 2015 में शुरू की गई यह पहल अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के तहत विकसित की गई और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से संचालित है।
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यहां 6 साल से कम उम्र के बच्चों को स्कूल से पहले की तैयारी कराई जाती है, महिलाओं को पौष्टिक आहार और स्वास्थ्य सेवाएं दी जाती हैं, और कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं।
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झारसुगुड़ा में 175 नंद घर पहले से ही सक्रिय हैं, जो 127 गांवों के 7,000 से अधिक बच्चों को लाभान्वित कर रहे हैं।
वेदांता के सामाजिक प्रयास 80 गांवों में 3 लाख से अधिक लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा, और अन्य सेवाओं का लाभ पहुंचाते हैं और 5,000 महिलाओं को सशक्त बनाते हैं।