विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को कोलकाता के एक नाले के जल में पोलियो का वायरस मिला है। 17 मार्च, 2014 को पोलियो मुक्त देश घोषित किए जाने के आठ साल बाद यह पहला मौका है, जब इसका वायरस मिला है। इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की भी चिंता बढ़ गई है।
इस संबंध में राज्य के स्वास्थ्य निदेशक सिद्धार्थ नियोगी ने कहा कि मटियाब्रुज इलाके में पोलियो के टाइप-1 वायरस मिले हैं। क्षेत्र में आवश्यक निगरानी कार्यक्रम चल रहा है। निवारक उपाय किए गए हैं। इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं किसी में संक्रमण तो नहीं हुआ है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य के सभी मेडिकल कालेजों में आवश्यक दिशा निर्देशों वाला पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि अगर जन्मजात रोग अथवा रोग प्रतिरोधक क्षमता कम वाला कोई बच्चा भर्ती कराया जाता है, तो उसके मल की तत्काल जांच करना जरूरी है। इसके अलावा ऐसे बच्चों के अभिभावकों से खुले में श्ाौच नहीं जाने को भी कहा जाए।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया है कि पोलियो संक्रमण की स्थिति को समझने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विभिन्ना हिस्सों से जल के नमूने संग्रह किए थे। इसी दौरान मई महीने के अंत में कोलकाता नगर निगम क्षेत्र के मुस्लिम बहुल क्षेत्र मटियाब्रुज इलाके के नाले के पानी से पोलियो के वायरस मिले हैं।
इससे पहले साल 2011 में हावड़ा की दो साल की बच्ची के शरीर में पोलियो का संक्रमण मिला था। उसके बाद संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। उस बच्ची में पोलियो का संक्रमण देश का आखरी पोलियो संक्रमण् भी था। उसके बाद 17 मार्च, 2014 को डब्ल्यूएचओ ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया था।