
रायपुर, 14 अक्टूबर 2025।विश्व मानक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि “गुणवत्ता और मानक ही आत्मनिर्भर भारत की पहचान हैं।” उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में मानकों का पालन पारदर्शिता, उपभोक्ता अधिकार और नवाचार को मजबूत करता है।
मुख्यमंत्री ने रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित मानक महोत्सव में उपस्थित जनों को गुणवत्ता शपथ दिलाई और बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बीआईएस द्वारा वस्तुओं को मानक चिन्ह दिए जाने से नकली और मिलावटी उत्पादों पर प्रभावी रोक लगी है।
बीआईएस हॉलमार्क उपभोक्ता भरोसे का प्रतीक
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हर उपभोक्ता बीआईएस हॉलमार्क देखकर ही आभूषण खरीदता है। बीआईएस ने अब तक करीब 22 हजार वस्तुओं को मानक चिन्ह प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं में मानक चिन्हों के प्रति जागरूकता बढ़ाना बेहद आवश्यक है ताकि गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को बढ़ावा मिल सके।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का मानकीकरण अभियान
साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है, और इस यात्रा में मानकीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पादों की गुणवत्ता के कारण गांव और कस्बों के उत्पाद अब वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बना रहे हैं।
उपभोक्ता अधिकारों की मजबूती से ही विकसित भारत संभव
मुख्यमंत्री ने कहा — “विकसित भारत का संकल्प उपभोक्ता अधिकारों की मजबूती से ही पूरा होगा। गुणवत्ता ही आत्मनिर्भर भारत की वास्तविक पहचान है।”
खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि विश्व मानक दिवस उपभोक्ताओं को जागरूक करने और वैज्ञानिकों-तकनीकी विशेषज्ञों के प्रयासों की सराहना का अवसर है। उन्होंने “जागो ग्राहक जागो” संदेश को अपनाने की अपील की।
बीआईएस के प्रयास और डिजिटल सशक्तिकरण
बीआईएस रायपुर के निदेशक एस.के. गुप्ता ने बताया कि बीआईएस केयर ऐप से उपभोक्ता अब आईएसआई और हॉलमार्क उत्पादों की प्रमाणिकता जांच सकते हैं तथा शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने इस पहल को उपभोक्ता सशक्तिकरण की दिशा में बड़ी उपलब्धि बताया।
विद्यार्थियों के नवाचार बने आकर्षण
कार्यक्रम में स्कूली विद्यार्थियों द्वारा तैयार नवाचार मॉडल — रक्तचाप जांचने की मशीन, मिट्टी की नमी मापक, “एक्सप्लोरर रोबोट” और दिव्यांगजनों के लिए “स्मार्ट ट्रेन” — लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों की रचनात्मकता की सराहना करते हुए कहा कि “युवाओं की सोच में जब गुणवत्ता और नवाचार जुड़ता है, तभी भारत विकसित राष्ट्र बनता है।”
साय ने कहा कि गुणवत्ता केवल उद्योग तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन का संस्कार बननी चाहिए। उन्होंने आह्वान किया कि “क्वालिटी को क्वांटिटी से पहले रखें” और छत्तीसगढ़ को मानकीकरण व नवाचार में अग्रणी बनाएं।
कार्यक्रम में एनआईटी रायपुर के निदेशक एन. व्ही. रमन्ना राव, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सतीश थोरानी, इस्पात प्राधिकरण के ए. के. चक्रवर्ती, कैट के अध्यक्ष परमानंद जैन, छत्तीसगढ़ स्टील रिरोलर्स संघ के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी, तथा ज्वेलर्स संघ के अध्यक्ष कमल सोनी उपस्थित रहे।