उम्मीद का आकार हमेशा बड़ा होना चाहिए क्योंकि चमत्कार कभी भी हो सकता है।
यह सोच कर मत ठहरिए कि आगे क्या होगा, बल्कि उस उम्मीद के साथ आगे बढ़िए की सब अच्छा होगा।
जब आप सपने बड़े देखोगे तो उसको पूरा करने का लक्ष्य भी उतना ही बड़ा होगा, उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए आप मेहनत भी उतनी ज्यादा ही करोगे और सफलता आपके और करीब आती जायेगी,लेकिन इससे अलग अगर लक्ष्य और सपने को ही छोटा कर दिए तो फिर हमारे हाथ सफलता भी छोटी ही आएगी।









