रायपुर। कोविड के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ौतरी हो रही है। शुरुवाती दौर में छत्तीसगढ़ राज्य कुछ समय तक सेफजोन में था लेकिन पिछले कुछ दिनों में मरीजों की संख्या का ग्राफ बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है। कल तक प्रदेश में कोरोना के 184 नए मरीज आये हैं, जिसमें रायपुर में 87 केस सामने आए हैं। इस स्थिति में हमने लोगों से जानना चाहा कि क्या एक बार फिर से लॉक डाउन होना चाहिए? आईए जाने लोगों की क्या प्रतिक्रिया सामने आई।
विवेक जायसवाल बिजनेस मैन हैं। राज्य की स्थिति को देखते हुए वे कहते हैं कि दोबारा सम्पूर्ण लॉक डाउन होना चाहिए। अगर ऐसे ही मार्केट और दुकाने खुली रहेंगी तो काबू पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकि हो जाएगा। लोग नियमों की खुले आम धज्जी उड़ा रहे हैं, ऐसे लोगों का घर में बंद होना जरूरी है। सरकार इस बात को नहीं मान रही है कि कम्यूनिटी स्प्रेड हो गया है, लेकिन अब तक कितने ही केस ऐसे आ गए हैं, जिनकी कोई भी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है, फिर भी उन्हें कोरोना हुआ है।
सुरक्षा की अगर बात करें तो लॉकडाउन के अलावा और कोई भी दूसरा विकल्प नहीं है। ये कहना है ग्रहणी ऋचा शुक्ला का। वे कहती हैं कि राज्य जब से अनलॉक हुआ है लोग बेकाबू हो गए हैं। कोई भी बाजार में गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। अगर अब भी संपूर्ण लॉकडाउन नहीं किया गया तो स्थिति गंभीर हो जाएगी।
आदर्श नगर निवासी चौलेस ठाकुर राज्य में बढ़ते मरीजों की संख्या से हैरान हैं। वे कहते हैं, घर से निकलना खतरे से खाली नहीं। कोरोना हर वर्ग और आयु तक पहुंच गया है। डॉक्टर, नर्स, व्यवसायी, मजदूर, होटल हर व्यवसाय और उम्र के मरीज राज्य में सामने आ चुके हैं। हर व्यवसायी के दुकान खोलने का एक दिन तय होना चहिए। समय सीमा घटा के मात्र 3 घंटा करना चाहिए।
पुलिस की सख्ती ही लोगों को सुरक्षित रखी थी, ये कहना है ग्रहणी प्रीती दावड़ा का। वे कहती है कि अनलॉक के लिए ये समय सही नहीं है। राज्य में कोरोना के मरीज की संख्या एकदम से बढ़ी है। जैसे पहले चरण में सख्ती की गई थी उस सख्ती की आवश्यकता अब महसूस हो रही है।
गृहणी निधी दिनेश त्रिवेदी का मानना है अन्य राज्यों की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी नियमों को लागू करना चहिए तभी स्थिति में काबू पाया जा सकेगा। अत्यावश्यक सेवा को छोड़ कर सभी को कम से कम 15 दिन के लिए संपूर्ण लॉक डाउन करना चाहिए।
सामाज सेविका रजनी कहती हैं कि एक तरफ कुंआ है और दूसरे तरफ खाई है। लॉक डाउन होने से लोगों को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ेगा और बंद नहीं करने से कोरोना का कहर झेलना पड़ेगा। इसके लिए बीच का रास्ता निकालना चाहिए। लॉकडाउन करते हुए कुछ रियायत देनी चाहिए। लोगों से अब डर भी खत्म हो गया है। बस सेवा शुरु होने से लोग एक शहर से दूसरे शहर आना जाना कर रहे हैं।ऐसे समय में प्रशासन को राजनीति छोड़ कर लोगों की सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए। आवश्यक सेवा में रियायत देते हुए 20 दिनों का लॉकडाउन करना चाहिए।
समीरन चक्रवर्ती कहते हैं हालात को देखते हुए जरूरी है कि सम्पूर्ण लॉक डाउन किया जाए। रोज मरीज बढ़ रहे हैं। अब कम्युनिटी स्प्रेड होता साफ नजर आ रहा है। जब इक्का दुक्का केस थे तो पूरा देश लॉक था और आज जब महामारी विकराल रूप ले रही है तो इस पर विचार विमर्श तक नही हो रहा है। 15 दिन अगर बंद किया गया तो इससे केस नही बढ़ेंगें।