भारत में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर अपने 24 साल के करियर के दौरान एक बड़े हिस्से को उन्होंने तनाव में गुजारा। बाद में वह इस बात को समझने में सफल रहे कि मैच से पहले तनाव खेल की उनकी तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। मास्टर ब्लास्टर ने कोविड-19 के दौरान बायो-बबल (कोरोना से बचाव के लिए बनाए गए सुरक्षित माहौल) में अधिक समय बिताने से खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर के बारे में बात करते हुए कहा कि इससे निपटने के लिए इसकी स्वीकार्यता जरूरी है।
तेंदुलकर ने कहा, ‘समय के साथ मैंने महसूस किया कि खेल के लिए शारीरिक रूप से तैयारी करने के साथ आपको खुद को मानसिक रूप से भी तैयार करना होगा। मेरे दिमाग में मैदान में प्रवेश करने से बहुत पहले मैच शुरू हो जाता था। तनाव का स्तर बहुत अधिक रहता था। मैंने 10-12 वर्षों तक तनाव महसूस किया था। मैच से पहले कई बार ऐसा हुआ था जब मैं रात में सो नहीं पता था। बाद में मैंने यह स्वीकार करना शुरू कर दिया कि यह मेरी तैयारी का हिस्सा है। मैंने समय के साथ इसे स्वीकार कर लिया कि मुझे रात में सोने में परेशानी होती थी। मैं अपने दिमाग को सहज रखने के लिए कुछ और करने लगता था। इस कुछ और में बल्लेबाजी अभ्यास, टेलीविजन देखना और वीडियो गेम्स खेलने के अलावा सुबह चाय बनाना भी शामिल था।”