बाजार नियामक सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह नियमों के किसी भी उल्लंघन का पता लगाने के लिए अदाणी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के साथ-साथ रिपोर्ट जारी होने के तुरंत पहले और बाद में बाजार गतिविधियों की जांच कर रहा है। सेबी ने यह भी कहा कि उसके पास निरंतर कारोबार सुनिश्चित करने और शेयर बाजार में अस्थिरता से निपटने के लिए मजबूत ढांचा है। उसने दावा किया कि विकसित प्रतिभूति बाजार दुनियाभर में शार्ट सेलिग को “वैध निवेश गतिविधि” मानते हैं। वह खुद भी उधार लिए गए शेयरों की शार्ट सेलिंग या बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है।
सेबी ने अदाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट के बाद दर्ज दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने 23 पन्ने का जवाब प्रस्तुत किया। इसमें कहा कि वह सेबी नियमों और शार्ट सेलिंग के नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए बाजार की गतिविधि की जांच कर रहा है।
सेबी ने कहा कि हाल ही में अदाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट से शेयर बाजार पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। भारतीय बाजार इससे पहले और भी बुरी अस्थिरता देख चुका है। विशेषकर कोरोना महामारी के समय, जब दो मार्च, 2020 से 19 मार्च, 2020 (13 कारोबारी दिवस) के बीच निफ्टी लगभग 26 प्रतिशत गिर गया था। बाजार अस्थिरता को देखते हुए सेबी ने 20 मार्च, 2020 को अपने मौजूदा बाजार तंत्र की समीक्षा की थी और कुछ बदलाव किए थे।