कोरबा । लंबित भू अर्जन के प्रकरणों में रोजगार की प्रमुख मांग को लेकर एसईसीएल प्रबंधन के दशकों के असहयोगात्मक रवैय्ये से आक्रोशित भू विस्थापितों ने विभिन्न श्रमिक संगठनों के नेतृत्व में कुसमुंडा खदान का घेराव कर काम बंद करा दिया। एक हजार से अधिक ग्रामीण खदान में कांग्रेस का झंडा लिए नारेबाजी करते हुए घुस गए। जिससे करीब 5 घण्टे तक खदान में उत्पादन व डिस्पैच का काम प्रभावित रहा। जिससे एसईसीएल को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा। खदान घेराव से प्रबंधन में हड़कम्प मच गया। प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में एसईसीएल के जीएम मौके पर पहुंचे। जहां खदान में ही त्रिपक्षीय वार्ता में अधिकतम जून माह तक सभी 75 प्रकरणों में आवश्यक प्रक्रिया पूरी कराते हुए एसईसीएल द्वारा रोजगार दिए जाने के आश्वासन पर हड़ताल को समाप्त किया गया।
यहां बताना होगा कि एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन द्वारा करीब दो दशक पूर्व परियोजना से लगे दर्जनों गांवों में भू अर्जन किया गया था। लेकिन भू -अधिग्रहण के 2 दशक बाद भी विभिन्न विसंगितयों व प्रबंधन की लापरवाही की वजह से कई पात्र परिवार रोजगार से वंचित रह गए। जिसको लेकर समय समय पर विभिन्न श्रमिक संगठनों के नेतृत्व में प्रभावित विरोध जताते रहे हैं। त्रिपक्षीय वार्ता में वादा करने के बाद भी एसईसीएल प्रबंधन विभिन्न पेचीदगियों का हवाला देकर ढुलमुल रवैय्या अपनाता रहा है। जिसकी वजह से प्रबंधन व प्रभावितों के मध्य एक बार फिर टकराव की स्थिति निर्मित हो गई। पूर्व सूचना के तहत भूविस्थापितों ने श्रमिक नेता अमरजीत सिंह के नेतृत्व में रविवार को कुसमुंडा खदान के लिए कूच किया। एएसपी अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में तैनात पुलिस बल ने बेरियर पर ही प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। लेकिन हजारों की संख्या में पहुंचे प्रदर्शनकारी खदान के अंदर घुसने में सफल रहे। प्रदर्शनकारियों ने खदान के अंदर गाडिय़ों को रुकवा दिया। एसडीएम कौशल प्रसाद तेंदुलकर के नेतृत्व में दर्री तहसीलदार सोनू अग्रवाल, कटघोरा तहसीलदार सोनित मेरिया सहित पूरा राजस्व अमला भी स्थिति को नियंत्रित करने मौके पर डटे रहे। इधर घण्टों प्रदर्शन की वजह से बाधित हो रहे कोयला उत्पादन से प्रबंधन में हड़कम्प मच गया। मौके की नजाकत को देखते हुए जीएम संजय मिश्रा खदान में ही वार्ता के लिए पहुंच गए। एसडीएम कौशल प्रसाद तेंदुलकर की मौजूदगी में वार्ता शुरू हुई । जिसमें भू-विस्थापितों की ओर से श्रमिक नेता अमरजीत सिंह व अन्य शामिल हुए । वार्ता में भूविस्थापितों ने पुराने अर्जन में लंबित रोजगार को लेकर नाराजगी जताई व शीघ्र रोजगार प्रदान करने की मांग पर अड़े रहे। प्रबंधन की ओर से जीएम श्री मिश्रा ने बताया कि लंबित 75 प्रकरणों में 15 प्रकरण पात्रता परीक्षण उपरांत पात्र पाए जाने पर मुख्यालय भेज दिया गया है। शेष 60 प्रकरणों को भी जल्द सभी आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी कर शीघ्र भेज देंगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि मई -जून माह तक सभी पात्र प्रकरणों में रोजगार मिल जाएगा। प्रबंधन के आश्वासन पर प्रभावितों ने भी सहमति जताई व लंबे समय से चली आ रही हड़ताल को समाप्त कर दिया।